जनता के भारी विरोध के बाद प्रधानमंत्री और बुल्गारिया सरकार ने इस्तीफा दिया
लेखक: Tatyana Hurynovich
बुल्गारिया के प्रधानमंत्री रोसेन ज़ेलेज़कोव के नेतृत्व वाली सरकार ने गुरुवार, 11 दिसंबर 2025 को अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी। यह निर्णय देश भर में बढ़ते जन विरोध प्रदर्शनों की सीधी प्रतिक्रिया थी। मंत्रिमंडल के मुखिया ने यह बयान विपक्षी दल 'परिवर्तन जारी रखें' (Continue the Change) द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर छठी नियोजित वोटिंग से ठीक पहले दिया।
ज़ेलेज़कोव ने अपने इस कदम को नागरिकों की मांगों के प्रति जवाबदेही बताते हुए कहा कि 'सत्ता जनता से आती है'। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भले ही उनकी सरकार को संसद में समर्थन मिलने की संभावना थी, फिर भी यह निर्णय लिया गया। असंतोष की शुरुआती चिंगारी नवंबर में पेश किए गए 2026 के लिए सरकारी बजट प्रस्ताव से भड़की थी। इस प्रस्ताव में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 3% घाटे का प्रावधान था, जिसके साथ ही करों में वृद्धि और सामाजिक अंशदान बढ़ाने की योजना थी। हालाँकि सत्तारूढ़ दलों ने 2 दिसंबर को विवादास्पद विधेयक वापस ले लिया था, लेकिन विरोध की भावनाएं भ्रष्टाचार और सरकारी कुप्रबंधन के खिलाफ एक व्यापक आंदोलन का रूप ले चुकी थीं।
विरोध प्रदर्शनों के चरम पर, बुधवार शाम को सोफिया के स्वतंत्रता चौक (Independence Square) पर 50,000 से 100,000 लोग तत्काल इस्तीफे की मांग के साथ एकत्रित हुए थे। विपक्षी दलों की मांगों में बुल्गारिया के राष्ट्रपति रूमेन रादेव ने भी सार्वजनिक रूप से समर्थन दिया, जिन्होंने मंत्रिमंडल से पद छोड़ने और जल्द चुनाव कराने का आह्वान किया। वर्ष 2025 की शुरुआत से मंत्रिमंडल का नेतृत्व कर रहे प्रधानमंत्री ज़ेलेज़कोव ने पहले इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था। उनका तर्क था कि 1 जनवरी 2026 को बुल्गारिया के यूरोज़ोन में शामिल होने से ठीक पहले का समय देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके बावजूद, इस्तीफे की घोषणा के बाद अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान हुआ, जो खारिज कर दिया गया। अब मंत्री नए मंत्रिमंडल के अनुमोदन तक कार्यभार संभालते रहेंगे।
ज़ेलेज़कोव का गठबंधन मंत्रिमंडल GERB, BSP और ITN जैसे दलों के समर्थन से बना था, जिसका घोषित उद्देश्य देश के यूरोपीय विकास पथ को सुनिश्चित करना था। हालांकि, हाल के हफ्तों में इस सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठे। इनमें सरकार, सुरक्षा एजेंसियों और न्यायपालिका पर डेल्यान पेएव्स्की के कथित अनौपचारिक प्रभाव की आलोचना शामिल थी। पेएव्स्की, जो मंत्रिमंडल के एक गैर-आधिकारिक सहयोगी हैं, पर भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण अमेरिका और ब्रिटेन ने प्रतिबंध लगाए हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने बोयको बोरिसोव और पेएव्स्की दोनों के खिलाफ ज़ोरदार नारे लगाए।
यह वर्तमान राजनीतिक संकट यूरोज़ोन में संक्रमण की तैयारियों के बीच उत्पन्न हुआ है, जिससे सत्ता के उत्तराधिकार का प्रश्न खड़ा हो गया है। संवैधानिक प्रक्रिया के अनुसार, राष्ट्रपति रादेव को पहले संसद में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी और फिर सबसे बड़ी पार्टी के उम्मीदवार को प्रधानमंत्री पद के लिए नामित करना होगा। ऐतिहासिक संदर्भ यह दर्शाता है कि बुल्गारिया ने पहले भी बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शन देखे हैं। वर्ष 2020-2021 के प्रदर्शनों के परिणामस्वरूप प्रधानमंत्री बोयको बोरिसोव को इस्तीफा देना पड़ा था और कई अन्य प्रमुख पदों पर फेरबदल हुए थे।
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