शीतकालीन स्वास्थ्य के लिए मौसमी पोषण और ओमेगा-3 का महत्व

द्वारा संपादित: Olga Samsonova

शीत ऋतु में शारीरिक ऊर्जा और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने के लिए आहार संबंधी मार्गदर्शनों में मौसमी खाद्य पदार्थों के सेवन पर विशेष बल दिया जाता है। यह दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि शरीर को उस समय के वातावरण और आवश्यकताओं के अनुरूप अधिकतम पोषक तत्व प्राप्त हों। वर्ष भर विटामिन संचय का समर्थन करने के लिए, विशेष रूप से खट्टे फल जैसे क्लेमेंटाइन अपने उच्चतम विटामिन सी स्तर पर उपभोग किए जाने चाहिए, जो संक्रमणों से लड़ने में सहायक होते हैं। मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, गुरुग्राम की क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट और डायटीशियन सुरभि शर्मा के अनुसार, खट्टे फलों में मौजूद विटामिन सी सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाकर प्रतिरक्षा को मजबूत करता है।

सर्दियों की सब्जियों में कद्दू, लीक (leeks), और पत्तागोभी जैसे खाद्य पदार्थ आवश्यक फाइबर, विटामिन ए, और एंटीऑक्सीडेंट्स का एक शक्तिशाली भंडार प्रदान करते हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए, मटर, पालक, और मेथी जैसी सब्जियां भी इस मौसम में प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए आहार में शामिल की जा सकती हैं। ब्रोकली, जिसमें प्रति 100 ग्राम में 65 मिलीग्राम विटामिन सी होता है, भी पोषक तत्वों से भरपूर होती है और सर्दी-खांसी को दूर रखने में मदद करती है। इन सब्जियों का नियमित सेवन शरीर को आंतरिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, खासकर जब ठंड के कारण वायरल संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है।

द्रव पदार्थों का सेवन शीतकाल में भी अत्यंत महत्वपूर्ण बना रहता है, जिसके लिए शोरबे (broths) और सूपों के सेवन की सिफारिश की जाती है। यह विधि तरल पदार्थ के सेवन को सब्जियों के उपभोग के साथ एकीकृत करने का एक प्रभावी तरीका है, जिससे शरीर हाइड्रेटेड रहता है। उदाहरण के लिए, चिकन या बोन ब्रॉथ सूप प्रोटीन, जिंक और खनिजों से भरपूर होते हैं, जो शरीर को लंबे समय तक ऊर्जा प्रदान करते हैं। इसके अतिरिक्त, टमाटर का सूप शरीर को गर्माहट प्रदान करता है और विटामिन सी की कमी को पूरा करने में सहायक हो सकता है। अच्छी प्रतिरक्षा के लिए हाइड्रेशन आवश्यक है, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायता करता है।

स्वस्थ वसा के सेवन के लिए, ओमेगा-3 से भरपूर स्रोतों जैसे सैल्मन और सार्डिन को आहार में शामिल करने की सलाह दी जाती है। ओमेगा-3 फैटी एसिड आवश्यक वसा हैं जिन्हें मानव शरीर स्वयं नहीं बना सकता है, इसलिए इन्हें आहार से प्राप्त करना अनिवार्य है। राष्ट्रीय पोषण संस्थान के मास्टर, डॉक्टर गुयेन वान तिएन के अनुसार, ओमेगा-3 मस्तिष्क की संरचना और कार्य में योगदान देता है। 100 ग्राम सैल्मन में लगभग 2,260 मिलीग्राम ओमेगा-3 होता है, जबकि 100 ग्राम सार्डिन में 1,480 मिलीग्राम ओमेगा-3 पाया जाता है। वर्ष 2023 की एक समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार, ओमेगा-3 फैटी एसिड शरीर में सूजन को नियंत्रित करते हैं, जो सर्दियों में कमजोरी और जोड़ों के दर्द का एक सामान्य कारण है।

सर्दियों की लालसाओं को शांत करने के लिए, मीठे व्यंजनों के बजाय संतुलित विकल्प अपनाना चाहिए। लीक के साथ सैल्मन या चेस्टनट वेलआउटे (chestnut velouté) जैसे स्वादिष्ट, गैर-मीठे व्यंजन संतुष्टि प्रदान करते हुए पोषण संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (एएचए) सप्ताह में कम से कम दो बार वसायुक्त, ठंडे पानी की मछली खाने की सलाह देता है, जिसमें सैल्मन और सार्डिन शामिल हैं। इस प्रकार, मौसमी और संतुलित आहार का पालन करना, जिसमें विटामिन सी, फाइबर, और ओमेगा-3 का उचित मिश्रण हो, शीतकालीन स्वास्थ्य और जीवनशक्ति को बनाए रखने की कुंजी है, जैसा कि आयुर्वेद में भी पतंजलि के च्यवनप्राश जैसे संपूर्ण टॉनिक के सेवन की सलाह दी जाती है।

15 दृश्य

स्रोतों

  • France Bleu

  • Le Figaro

  • Doctissimo

  • SitMafgr

  • A F F L E C

  • Modes et travaux

क्या आपने कोई गलती या अशुद्धि पाई?

हम जल्द ही आपकी टिप्पणियों पर विचार करेंगे।

शीतकालीन स्वास्थ्य के लिए मौसमी पोषण और ओम... | Gaya One