जापान में भालू संकट: वन्यजीव कानूनों में संशोधन और तकनीकी समाधान
द्वारा संपादित: Svetlana Velgush
जापान एक अभूतपूर्व भालू संकट का सामना कर रहा है, जहाँ अप्रैल से जुलाई 2025 के बीच भालुओं के हमलों और देखे जाने की घटनाओं में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस समस्या से निपटने के लिए, जापानी सरकार ने वन्यजीव संरक्षण, नियंत्रण और शिकार प्रबंधन अधिनियम में संशोधन किया है, जो 1 सितंबर, 2025 से प्रभावी हुआ है। इस नए कानून के तहत, भालुओं और अन्य खतरनाक जानवरों को आबादी वाले क्षेत्रों में 'आपातकालीन गोलीबारी' की अनुमति दी गई है, जिससे स्थानीय महापौरों को आवश्यकतानुसार हथियार के उपयोग को अधिकृत करने का अधिकार मिला है। पहले, ऐसे कार्यों के लिए पुलिस की मंजूरी आवश्यक होती थी।
विशेषज्ञों का मानना है कि भालुओं के हमलों में वृद्धि का मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन है, जिसने उनके प्राकृतिक भोजन स्रोतों, जैसे बलूत (acorns) और अन्य नट्स की उपलब्धता को प्रभावित किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में घटती जनसंख्या और परित्यक्त खेतों की बढ़ती संख्या ने भी भालुओं के आवास को मानव बस्तियों के करीब ला दिया है। 2025 के वित्तीय वर्ष में, जो मार्च 2024 में समाप्त हुआ, भालू के हमलों से हताहतों की संख्या रिकॉर्ड 219 तक पहुँच गई, जिसमें छह मौतें भी शामिल थीं। यह संख्या 2012 के बाद से भालुओं की आबादी में तीन गुना वृद्धि को भी दर्शाती है, जिसमें एशियाई काले भालू की अनुमानित आबादी 44,000 और होक्काइडो में उस्सुरी भूरे भालू की आबादी लगभग 12,000 है।
इस बढ़ते खतरे से निपटने के लिए, पर्यावरण मंत्रालय स्थानीय सरकारों को निवारक उपायों जैसे बाड़ लगाने और प्रतिक्रिया कर्मियों के प्रशिक्षण के लिए सब्सिडी बढ़ाने की योजना बना रहा है। इसके साथ ही, जापान तकनीकी नवाचारों को भी अपना रहा है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित निगरानी प्रणालियाँ, जो कैमरों के नेटवर्क का उपयोग करके भालुओं की पहचान करती हैं, विकसित की जा रही हैं। ये प्रणालियाँ व्यक्तिगत भालुओं की पहचान करने और समस्याग्रस्त जानवरों पर अधिक लक्षित प्रतिक्रिया सक्षम करने में मदद करती हैं। इसके अतिरिक्त, 'मॉन्स्टर वुल्व्स' नामक रोबोटिक निवारक, जो भालुओं को डराने के लिए लाल आँखें और डरावनी आवाजें निकालते हैं, ग्रामीण और उपनगरीय कस्बों में तैनात किए जा रहे हैं।
यह स्थिति मानव सुरक्षा और वन्यजीव प्रबंधन के बीच संतुलन बनाने की जटिलता को उजागर करती है। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, ग्रामीण जनसांख्यिकी में बदलाव और तकनीकी समाधानों का एकीकरण, जापान को इस बढ़ते भालू संकट से निपटने के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है। यह न केवल वन्यजीवों के साथ सह-अस्तित्व की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है, बल्कि बदलती पर्यावरणीय परिस्थितियों के अनुकूल होने के लिए नवीन समाधानों की खोज को भी प्रेरित करता है।
स्रोतों
Terra Daily
The bullish signs from Japan's bear panic
Environment Ministry to boost support for local governments facing bear attacks
Japan relaxes bear-shooting laws amid rise in attacks
New 'Emergency Shooting' Law Enacted as Bear Sightings Spike in Tokyo
Video. Japan steps up bear safety measures after recent attacks
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