मोल्दोवा 28 सितंबर 2025 को अपने संसदीय चुनावों के लिए तैयार है, जो देश के भविष्य की दिशा तय करेंगे। इस चुनाव में 101 संसदीय सीटों के लिए मतदान होगा, और यह देश के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जहाँ नागरिक यूरोपीय संघ के साथ घनिष्ठ संबंधों को प्राथमिकता देने या रूस के प्रभाव क्षेत्र में लौटने के बीच एक स्पष्ट विकल्प का अनुभव करेंगे। वर्तमान में, राष्ट्रपति मैया सैंडू के नेतृत्व वाली पार्टी ऑफ एक्शन एंड सॉलिडैरिटी (PAS) यूरोपीय एकीकरण के मार्ग पर देश को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही है।
इन चुनावों में रूस द्वारा कथित हस्तक्षेप की चिंताएं गहरा रही हैं। विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, रूस मोल्दोवा में अपने राजनीतिक हितों को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर वित्तीय और सूचनात्मक संसाधनों का उपयोग कर रहा है। अनुमान है कि रूस ने प्रचार, हाइब्रिड संचालन और ऑनलाइन दुष्प्रचार अभियानों के लिए 200 मिलियन यूरो से अधिक का निवेश किया है। इन हस्तक्षेपों में ऑनलाइन "फर्जी" समूहों का निर्माण और रूसी-समर्थक दलों को वित्तीय सहायता देना शामिल है, जिसका उद्देश्य देश के लोकतांत्रिक संस्थानों को कमजोर करना है। मोल्दोवा की सेंट्रल इलेक्शन कमीशन (CEC) ने लगभग 2.8 मिलियन नागरिकों के मतदान में भाग लेने की उम्मीद जताई है। विदेशों में रहने वाले मोल्दोवन नागरिकों का वोट विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, और रूस इन प्रवासी मतदाताओं को लक्षित कर रहा है। दुष्प्रचार अभियानों का उद्देश्य इन मतदाताओं को हतोत्साहित करना और उन्हें रूसी-समर्थक एजेंडे की ओर धकेलना है।
देश के भीतर, राजनीतिक दल पहले से ही सक्रिय हैं, हालांकि आधिकारिक अभियान जुलाई 2025 के अंत में शुरू होगा। PAS, जिसने 2021 में बहुमत हासिल किया था, अब देश की आर्थिक चुनौतियों और समाज में व्याप्त असंतोष के कारण कुछ हद तक लोकप्रियता में गिरावट का सामना कर रही है। लगभग एक तिहाई मतदाता अभी भी अनिर्णीत हैं, जो इस चुनाव के अनिश्चित परिणाम को दर्शाता है। चुनावी प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए, CEC चुनावी जोखिम प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, ताकि निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित किए जा सकें।
विपक्षी दल, जैसे कि पैट्रियोटिक इलेक्टोरल ब्लॉक (जिसमें सोशलिस्ट और कम्युनिस्ट पार्टियां शामिल हैं) और इलान शोर से जुड़े समूह, रूस के साथ मजबूत संबंधों की वकालत कर रहे हैं। इन दलों पर रूस से वित्तीय सहायता लेने और देश के यूरोपीय भविष्य को कमजोर करने के आरोप लगे हैं। चुनावी आयोग ने कुछ दलों का पंजीकरण भी रद्द कर दिया है, जो चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के प्रयासों का हिस्सा है। संसद में प्रवेश के लिए पार्टियों को 5%, ब्लॉकों को 7% और स्वतंत्र उम्मीदवारों को 2% वोट की आवश्यकता होगी।
हालांकि, ट्रांसनिस्ट्रिया जैसे क्षेत्रों में मतदान केंद्रों की संख्या में कमी जैसी चिंताएं बनी हुई हैं। अधिकारी इसे सुरक्षा कारणों से उचित ठहराते हैं, जबकि आलोचक इसे मतदाताओं के मताधिकार को सीमित करने का प्रयास मानते हैं। यह चुनाव मोल्दोवा के लिए एक निर्णायक क्षण है। यह न केवल देश के राजनीतिक भविष्य को तय करेगा, बल्कि यह भी प्रदर्शित करेगा कि एक छोटा राष्ट्र बाहरी दबावों के सामने अपनी संप्रभुता और लोकतांत्रिक मूल्यों को कितनी मजबूती से बनाए रख सकता है। मोल्दोवा के नागरिक इस अवसर का उपयोग अपने राष्ट्र के लिए एक स्पष्ट और स्वतंत्र मार्ग चुनने के लिए कर रहे हैं, जो पूरे क्षेत्र के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत करेगा।