चीन ने यूरोपीय संघ (ईयू) द्वारा रूस के खिलाफ प्रतिबंधों के जवाब में दो लिथुआनियाई बैंकों, यूएबी उर्बो बैंकस और एबी मानो बैंकस पर जवाबी प्रतिबंध लगाए हैं। यह कदम 13 अगस्त, 2025 से प्रभावी है, जिसके तहत चीनी संस्थाओं और व्यक्तियों को इन बैंकों के साथ किसी भी प्रकार के लेनदेन, सहयोग या अन्य गतिविधियों में शामिल होने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह कार्रवाई यूरोपीय संघ द्वारा दो चीनी वित्तीय संस्थानों, हेइहे रूरल कमर्शियल बैंक और हेलोंगजियांग सुइफेनहे रूरल कमर्शियल बैंक पर प्रतिबंध लगाने के प्रत्युत्तर में की गई है। यूरोपीय संघ का आरोप है कि ये चीनी बैंक रूस के खिलाफ लगे प्रतिबंधों को दरकिनार करने में मदद कर रहे थे, विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित सेवाओं के माध्यम से।
चीन ने यूरोपीय संघ के इन कार्यों को "अंतर्राष्ट्रीय कानून और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के बुनियादी मानदंडों का गंभीर उल्लंघन" बताते हुए अपनी संप्रभुता और हितों की रक्षा के लिए यह कदम उठाने की बात कही है। यह घटनाक्रम चीन और यूरोपीय संघ के बीच बढ़ते व्यापार और कूटनीतिक विवादों की एक बड़ी तस्वीर का हिस्सा है, जिसमें व्यापार असंतुलन, इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी और भू-राजनीतिक मतभेद जैसे मुद्दे शामिल हैं। यूरोपीय संघ के आर्थिक सुरक्षा प्रतिनिधि ओलोफ गिल ने कहा है कि यूरोपीय संघ इन उपायों का विस्तार से अध्ययन कर रहा है और आधिकारिक निर्णय लेने से पहले आगे की कार्रवाई पर विचार करेगा। इस बीच, लिथुआनियाई बैंक उर्बो बैंकस ने कहा है कि चीन द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का उसके वित्तीय प्रदर्शन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि वह चीन में कोई वित्तीय लेनदेन या व्यावसायिक संबंध नहीं रखता है।