अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के विशेष दूत स्टीव विटकोफ ने मॉस्को में रूसी अधिकारियों से मुलाकात की। यह यात्रा यूक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए की गई थी, और ट्रम्प ने रूस को 8 अगस्त तक संघर्ष समाप्त करने की समय सीमा दी थी, अन्यथा नए प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता था।
रूसी तेल की खरीदारी करने वाले देशों पर संभावित शुल्कों की चर्चा के बीच, भारत, जो रूस से तेल का प्रमुख खरीदार है, पर विशेष ध्यान दिया गया। यदि प्रतिबंधों के कारण रूस से तेल की आपूर्ति प्रभावित होती है, तो भारत को वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की तलाश करनी पड़ सकती है, जिससे ऊर्जा सुरक्षा पर प्रभाव पड़ सकता है।
भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग पर भी प्रतिबंधों का असर पड़ सकता है, जिससे सैन्य उपकरणों और स्पेयर पार्ट्स की खरीद में कठिनाई हो सकती है। इन घटनाक्रमों को देखते हुए, भारत सरकार को अपनी विदेश नीति और ऊर्जा रणनीति पर सावधानीपूर्वक विचार करना होगा।