मध्य पूर्व में दशकों के तनाव के बाद, सीरिया और इज़राइल ने जुलाई 2025 में संयुक्त राज्य अमेरिका की मध्यस्थता में एक महत्वपूर्ण तनाव कम करने वाले समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता दोनों देशों के बीच सुरक्षा समझ को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस ऐतिहासिक पहल में अमेरिकी विशेष दूत टॉम बैरक ने दोनों पक्षों के बीच संवाद को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
समझौते के मुख्य प्रावधानों में इज़राइली हवाई हमलों का निलंबन और सीरियाई सीमा के पास भारी उपकरणों की आवाजाही पर प्रतिबंध शामिल है। यह कदम क्षेत्र में तनाव को कम करने और भविष्य में टकराव को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है। यह समझौता विशेष रूप से जुलाई 2025 में सीरिया के दक्षिणी स्वीदा प्रांत में हुए सांप्रदायिक संघर्षों के बाद हुआ, जिसने इज़राइली हस्तक्षेप को प्रेरित किया और एक व्यापक युद्धविराम की आवश्यकता को रेखांकित किया। इन संघर्षों में सैकड़ों लोग मारे गए थे, जिससे क्षेत्रीय अस्थिरता का डर बढ़ गया था।
टॉम बैरक ने न केवल इस समझौते को संभव बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, बल्कि उन्होंने सीरियाई अल्पसंख्यकों से एकजुट सीरियाई पहचान बनाने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान भी किया। यह पहल क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के अमेरिकी प्रयासों का एक हिस्सा है। इज़राइल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस प्रगति की पुष्टि की है, हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि पूर्ण शांति अभी भी दूर है। उन्होंने हिज़्बुल्लाह के खिलाफ हाल की "जीत" को उत्तरी पड़ोसियों के साथ शांति की संभावना के लिए एक खिड़की खोलने वाला बताया है।
यह समझौता 1974 के अलगाव समझौते को पुनर्जीवित करने की चर्चाओं के बीच आया है, जिसने दोनों देशों के बीच एक बफर ज़ोन बनाया था। हालांकि इस समझौते को एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है, लेकिन क्षेत्र में विभिन्न सशस्त्र गुटों और क्षेत्रीय शक्तियों की भागीदारी के कारण स्थिति अभी भी जटिल बनी हुई है। यह समझौता सीरिया और लेबनान में सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के व्यापक अमेरिकी प्रयासों का भी हिस्सा है। यह कूटनीतिक उपलब्धि दर्शाती है कि कैसे संवाद और आपसी समझ के माध्यम से दशकों पुरानी शत्रुता को भी दूर किया जा सकता है, जो भविष्य में अधिक स्थिरता और सहयोग की आशा जगाता है।