मेडागास्कर में अशांति: पानी और बिजली की कटौती से भड़की हिंसा, सरकार भंग

द्वारा संपादित: gaya ❤️ one

25 सितंबर, 2025 से मेडागास्कर, विशेष रूप से राजधानी अंटानानारिवो और अन्य शहरों में, बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं। इन प्रदर्शनों को पानी और बिजली की बार-बार होने वाली कटौती ने भड़काया है। प्रदर्शन हिंसक हो गए हैं और कानून प्रवर्तन के साथ झड़पों में कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई है और कई घायल हो गए हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के अनुसार, इन विरोध प्रदर्शनों में कम से कम 22 लोग मारे गए हैं और 100 से अधिक घायल हुए हैं। इन प्रदर्शनों का नेतृत्व मुख्य रूप से जेन जेड युवा कर रहे हैं, जो आवश्यक सेवाओं में रुकावट को समाप्त करने और सरकार द्वारा संसाधनों के कुप्रबंधन की निंदा करने की मांग कर रहे हैं। इस आंदोलन ने एशिया में इसी तरह के विरोध प्रदर्शनों से प्रेरणा लेते हुए, मंगा "वन पीस" से समुद्री डाकू के झंडे को अपनाया है। बढ़ती हिंसा के जवाब में, अधिकारियों ने व्यवस्था बहाल करने के प्रयास में अंटानानारिवो सहित कई प्रमुख शहरों में रात का कर्फ्यू लगा दिया है। पोप फ्रांसिस ने घटनाओं पर दुख व्यक्त किया है और आगे की हिंसा को टालने के लिए प्रार्थना का आह्वान किया है, सामाजिक न्याय और सामान्य भलाई के महत्व पर जोर दिया है। सरकारी प्रयासों और शांति की अपीलों के बावजूद, देश भर में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के साथ स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। इन विरोध प्रदर्शनों को "लियो डेलेस्टेज" आंदोलन के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ है "बिजली कटौती से तंग आ चुके"। यह आंदोलन सोशल मीडिया पर शुरू हुआ और तेजी से फैल गया। विरोध प्रदर्शनों के दौरान, कुछ स्थानों पर लूटपाट और तोड़फोड़ की भी खबरें आई हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ गई है। राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना ने ऊर्जा मंत्री को बर्खास्त कर दिया और 29 सितंबर, 2025 को अपनी पूरी सरकार को भंग कर दिया, ताकि विरोध प्रदर्शनों को शांत किया जा सके। उन्होंने एक नए प्रधानमंत्री के लिए प्रस्तावों की समीक्षा के लिए तीन दिन की समय सीमा दी। इन घटनाओं ने मेडागास्कर में गहरी सामाजिक और आर्थिक समस्याओं को उजागर किया है, जहां आबादी का एक बड़ा हिस्सा गरीबी रेखा से नीचे रहता है।

आंदोलन का मुख्य कारण देश में बिजली की बार-बार होने वाली कटौती और पानी की भारी कमी है। मेडागास्कर पहले ही एक गरीब देश है, और यहां की बड़ी आबादी गरीबी रेखा से नीचे जी रही है। युवा बेरोजगारी, महंगाई और इन बुनियादी सुविधाओं की कमी से परेशान थे, जिनके खिलाफ वे सड़कों पर उतरे। प्रदर्शनकारी, खासकर युवा, राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना की सरकार को इन समस्याओं के समाधान में असफल मानते हैं। यह आंदोलन केन्या, नेपाल और मोरक्को जैसे देशों में हुए हालिया युवा-नेतृत्व वाले प्रदर्शनों से प्रेरित था। सोशल मीडिया ने इस आंदोलन को फैलाने में अहम भूमिका निभाई।

राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना ने अपनी सरकार की नाकामी को स्वीकार करते हुए 29 सितंबर, 2025 को टेलीविजन पर संबोधन किया और पूरी सरकार को भंग करने की घोषणा की। उन्होंने कहा, "हम मानते हैं कि सरकार के कुछ सदस्यों ने अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई और इसके लिए हम माफी मांगते हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि वे लूटपाट से प्रभावित व्यवसायों की मदद करेंगे और आगे से युवाओं से संवाद करने का वादा किया, ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। यह कदम मेडागास्कर में राजनीतिक अस्थिरता के बड़े संकेत हैं।

संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, प्रदर्शनों में 22 लोग मारे गए और 100 घायल हुए।

प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति राजोएलिना के इस्तीफे की मांग की थी, लेकिन राजोएलिना ने इस बात का कोई संकेत नहीं दिया कि वह इस्तीफा देंगे।

इन घटनाओं ने मेडागास्कर में गहरी सामाजिक और आर्थिक समस्याओं को उजागर किया है, जहां आबादी का एक बड़ा हिस्सा गरीबी रेखा से नीचे रहता है।

स्रोतों

  • vaticannews.va

  • Le Journal du Pays

  • Courrier International

  • L'Express24.LU

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