एक संघीय न्यायाधीश ने ट्रम्प प्रशासन के आतंकवाद-रोधी और आपातकालीन तैयारी अनुदानों में $233 मिलियन के पुन: आवंटन के फैसले पर अस्थायी रोक लगा दी है। यह निर्णय 11 राज्यों और डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया द्वारा दायर एक मुकदमे के बाद आया है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि धन में कटौती राजनीतिक रूप से प्रेरित थी और इसमें कानूनी आधार का अभाव था। अमेरिकी जिला न्यायाधीश मैरी एस. मैकरॉय ने एक अस्थायी रोक आदेश (TRO) जारी किया, जिसमें ट्रम्प प्रशासन को इन राज्यों और डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया से $233 मिलियन के धन को पुन: आवंटित करने से रोका गया।
राज्यों ने तर्क दिया कि ये कटौती कांग्रेस द्वारा अनिवार्य वस्तुनिष्ठ, जोखिम-आधारित मानदंडों के बजाय घरेलू नीतिगत असहमति के आधार पर की गई थी। न्यायाधीश मैकरॉय ने कटौती की "अव्यवस्थित" और अचानक प्रकृति पर चिंता व्यक्त की, यह सुझाव देते हुए कि यह प्रशासनिक प्रक्रिया अधिनियम (APA) का उल्लंघन कर सकता है।
यह मामला केवल धन के बारे में नहीं है, बल्कि यह कार्यकारी शक्ति की सीमाओं और संघीय अनुदानों के आवंटन में निष्पक्षता और कानूनी प्रक्रियाओं के पालन के महत्व को भी उजागर करता है। इलिनोइस और न्यूयॉर्क जैसे राज्यों को क्रमशः 69% और 79% की भारी कटौती का सामना करना पड़ा, जिससे उनकी आतंकवाद-रोधी तैयारियों पर गंभीर प्रभाव पड़ने की आशंका थी। इन अनुदानों का उपयोग महत्वपूर्ण सार्वजनिक सुरक्षा पहलों के लिए किया जाता है, जिसमें खुफिया संचालन, आपातकालीन तैयारी और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा शामिल है।
यह मामला एक बड़े कानूनी संघर्ष का हिस्सा है, जिसमें संघीय एजेंसियों और राज्यों के बीच महत्वपूर्ण सुरक्षा और आपातकालीन तैयारी निधियों के आवंटन को लेकर चल रहे तनाव को दर्शाया गया है। न्यायाधीश मैकरॉय का त्वरित TRO जारी करना, "अव्यवस्थित" प्रक्रिया पर उनकी मजबूत भाषा के साथ, प्रशासन के औचित्य के प्रति न्यायिक संदेह का सुझाव देता है। यह मामला भविष्य में संघीय अनुदानों के वितरण और इस तरह के मामलों में कार्यकारी शाखा के विवेक की सीमाओं को परिभाषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह घटनाक्रम इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे कानूनी चुनौतियाँ सरकारी निर्णयों पर अंकुश लगा सकती हैं और यह सुनिश्चित कर सकती हैं कि सार्वजनिक धन का आवंटन निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हो।