न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर आयोजित जी7 (G7) विदेश मंत्रियों की बैठक में, समूह के देशों ने रूस द्वारा हाल ही में नाटो (NATO) हवाई क्षेत्र के उल्लंघन पर गहरी चिंता व्यक्त की। मंत्रियों ने इन कृत्यों को "अस्वीकार्य" और "अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा" बताया। यह घटनाक्रम ऐसे समय में आया है जब रूस-यूक्रेन युद्ध जारी है और यूरोप में भू-राजनीतिक तनाव बना हुआ है।
जी7 के विदेश मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान जारी कर यूक्रेन के प्रति "मजबूत, स्वतंत्र और समृद्ध" राष्ट्र के रूप में अपने अटूट समर्थन की पुष्टि की। उन्होंने यूक्रेन को विश्वसनीय सुरक्षा गारंटी प्रदान करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ समन्वय जारी रखने की अपनी मंशा पर भी जोर दिया। इसके अतिरिक्त, मंत्रियों ने रूस पर और अधिक आर्थिक प्रतिबंध लगाने पर चर्चा की, जिसमें मॉस्को की सहायता करने वाले तीसरे देशों को लक्षित करने वाले उपाय भी शामिल हैं। यह कदम रूस की आक्रामकता के प्रति अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया को दर्शाता है, जो यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
हाल की घटनाओं में, 10 सितंबर, 2025 की रात को कम से कम 19 रूसी लड़ाकू विमानों ने पोलैंड की सीमा पार की, जिन्हें नाटो लड़ाकू विमानों ने रोका। 13 सितंबर को, बाल्टिक सागर में पोलिश विशेष आर्थिक क्षेत्र के पास रूसी मिग-31 विमानों के दृष्टिकोण के कारण नाटो लड़ाकू विमानों को सक्रिय किया गया था, जिससे उस क्षेत्र की सुरक्षा का उल्लंघन हुआ। इसी दिन, रोमानियाई हवाई क्षेत्र में भी एक रूसी विमान के प्रवेश की सूचना मिली थी। 19 सितंबर को, एस्टोनियाई हवाई क्षेत्र में तीन रूसी मिग-31 विमानों ने 12 मिनट तक प्रवेश किया, जिसके बाद एस्टोनियाई विदेश मंत्रालय ने रूसी राजदूत को तलब किया। इन घटनाओं को रूस के "बढ़ते गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार" के एक व्यापक पैटर्न का हिस्सा माना जा रहा है।
नाटो ने इन उल्लंघनों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जिसमें कहा गया है कि वह "सभी दिशाओं से सभी खतरों से बचाव और निवारण के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार सभी आवश्यक सैन्य और गैर-सैन्य साधनों का उपयोग करने में संकोच नहीं करेगा"। नाटो सुप्रीम एलाइड कमांडर यूरोप, जनरल जॉन ग्रिम्स ने इस बात पर जोर दिया कि सहयोगी "यूक्रेन का समर्थन करने की अपनी दीर्घकालिक प्रतिबद्धताओं से पीछे नहीं हटेंगे"। इन हवाई क्षेत्र उल्लंघनों को यूरोप की सुरक्षा के लिए एक "स्पष्ट अनुस्मारक" के रूप में देखा जा रहा है, जो दर्शाता है कि रूस की आक्रामकता न केवल यूक्रेन बल्कि पूरे क्षेत्र की सुरक्षा को खतरे में डालती है। एस्टोनिया के राष्ट्रपति अलार कारिस ने कहा कि रूस "यूक्रेन या यूरोप में शांति और सुरक्षा में रुचि नहीं रखता है"।
इन घटनाओं के जवाब में, नाटो ने 12 सितंबर को "ईस्टर्न सेंट्री" नामक एक अभियान शुरू किया, जिसका उद्देश्य पूर्वी यूरोप में अपनी सैन्य उपस्थिति को मजबूत करना है। यह स्थिति अंतरराष्ट्रीय संबंधों में निरंतर सतर्कता और कूटनीतिक समाधान की आवश्यकता को उजागर करती है।