अंतर्राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (IPC) ने 27 फरवरी, 2025 को सियोल में आयोजित अपनी आम सभा में रूस और बेलारूस की राष्ट्रीय पैरालंपिक समितियों की आंशिक निलंबन को समाप्त कर दिया है। इस निर्णय के साथ, दोनों देशों के एथलीट 2026 के मिलान-कोर्टिना शीतकालीन पैरालंपिक खेलों में भाग ले सकेंगे, हालांकि उनकी भागीदारी की अंतिम स्वीकृति संबंधित अंतरराष्ट्रीय खेल महासंघों पर निर्भर करेगी।
यह फैसला यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद लगाए गए प्रतिबंधों के संदर्भ में आया है, जिसने इन देशों के एथलीटों को अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों से निलंबित कर दिया था। IPC की आम सभा में हुए मतदान में रूस के लिए पूर्ण निलंबन के प्रस्ताव के खिलाफ 111 मत पड़े, जबकि आंशिक निलंबन को समाप्त करने के पक्ष में 91 मत पड़े। इसी तरह, बेलारूस के लिए भी पूर्ण निलंबन के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया और आंशिक निलंबन को समाप्त करने के पक्ष में 103 मत पड़े।
इस निर्णय का मतलब है कि रूसी और बेलारूसी राष्ट्रीय पैरालंपिक समितियों को IPC की सदस्यता के पूर्ण अधिकार और विशेषाधिकार वापस मिल गए हैं। IPC इन सदस्यों के साथ मिलकर व्यावहारिक व्यवस्थाओं को लागू करने के लिए काम करेगा। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अंतिम प्रवेश संबंधित अंतरराष्ट्रीय खेल महासंघों पर निर्भर करेगा, जिन्हें 2025/26 सीज़न के लिए विभिन्न खेलों में रूसी और बेलारूसी एथलीटों को लाइसेंस जारी करने पर विचार करना होगा।
यूक्रेन ने इस फैसले पर नाराजगी व्यक्त की है, जिसमें कहा गया है कि जिन लोगों ने इसके पक्ष में मतदान किया, उन्होंने 'अपने विवेक और ओलंपिक मूल्यों को धोखा दिया'। यूक्रेन के खेल मंत्री ने यूरोपीय भागीदारों से आग्रह किया है कि वे आक्रामक राज्य के झंडे को स्वतंत्र और लोकतांत्रिक स्थान पर फहराने की अनुमति न दें, जबकि आक्रामक युद्ध जारी है। यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय खेल निकायों के लिए भू-राजनीतिक संघर्षों के संबंध में निष्पक्ष खेल और एथलीटों की भागीदारी के सिद्धांतों को संतुलित करने की चल रही चुनौती को उजागर करता है।
यह ध्यान देने योग्य है कि अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने भी हाल ही में रूसी और बेलारूसी एथलीटों को मिलान-कोर्टिना शीतकालीन ओलंपिक में भाग लेने की अनुमति दी थी, बशर्ते वे तटस्थ ध्वज के तहत और तटस्थता की शर्तों को पूरा करते हुए प्रतिस्पर्धा करें। अतीत में, रूसी और बेलारूसी एथलीटों ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 'तटस्थ' एथलीटों के रूप में भाग लिया है, जिसमें राष्ट्रीय प्रतीकों, झंडे और राष्ट्रगान का उपयोग प्रतिबंधित था।