अंतरिक्ष में बढ़ते कूड़े की समस्या से निपटने के लिए, एएलबीएटीओआर (ALBATOR) परियोजना एक महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इस पहल का उद्देश्य पृथ्वी की कक्षा से खतरनाक अंतरिक्ष मलबे को हटाने के लिए गैर-काइनेटिक तरीकों का विकास करना है। यह परियोजना टिकाऊ अंतरिक्ष संचालन की दिशा में €3.9 मिलियन का निवेश दर्शाती है, जो भविष्य के लिए एक स्पष्ट दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है।
परियोजना का मुख्य नवाचार आयन बीम तकनीक का उपयोग है, जिसे खतरनाक मलबे को सुरक्षित रूप से विक्षेपित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह दृष्टिकोण मलबे को हटाने की प्रक्रिया के दौरान भौतिक संपर्क के जोखिम को पूरी तरह समाप्त कर देता है, जिससे टकराव की आशंका कम हो जाती है। यह एक सूक्ष्म समायोजन की तरह है, जहाँ ऊर्जा का उपयोग करके वस्तुओं को उनके खतरनाक पथ से धीरे से हटाया जाता है, जिससे अंतरिक्ष में व्यवस्था और सामंजस्य बना रहता है। यह उन पुरानी वस्तुओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो निष्क्रिय हो चुकी हैं और स्वयं अपनी कक्षा नहीं बदल सकतीं।
एएलबीएटीओआर परियोजना का समन्वय फ्रांसीसी स्टार्टअप ओस्मोस एक्स (Osmos X) कर रहा है, जो अंतरिक्ष थ्रस्टरों के विकास में विशेषज्ञता रखता है। इस सहयोगी प्रयास में स्पेन और जर्मनी के विश्वविद्यालय भी शामिल हैं, साथ ही नॉर्थस्टार (NorthStar) की लक्ज़मबर्ग शाखा भी भागीदार है, जो अंतरिक्ष स्थितिजन्य जागरूकता उत्पाद प्रदान करती है। नॉर्थस्टार के अधिकारियों के अनुसार, पकड़ने या डॉकिंग के अंतर्निहित जोखिमों से बचकर, एएलबीएटीओआर अंतरिक्ष स्थिरता की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक—पृथ्वी की कक्षा में मलबे के प्रसार—के लिए एक सुरक्षित और अधिक बहुमुखी समाधान प्रदान करने का लक्ष्य रखता है।
यह महत्वाकांक्षी कार्य यूरोपीय नवाचार परिषद (European Innovation Council - EIC) के पाथफाइंडर कार्यक्रम के माध्यम से वित्त पोषित है, जिसका उद्देश्य उच्च वैज्ञानिक और तकनीकी महत्वाकांक्षा वाले सफल 'डीप-टेक' परियोजनाओं का समर्थन करना है। परियोजना की समय-सीमा 3.5 वर्ष निर्धारित की गई है, जिसके फरवरी 2029 में समाप्त होने की उम्मीद है। हालांकि, प्रौद्योगिकी प्रदर्शक के लिए उड़ान की तारीख अभी तक घोषित नहीं की गई है।
यह समस्या लगातार बढ़ रही है; यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, कक्षा में 1 मिमी जितने छोटे मलबे के 140 मिलियन टुकड़े हो सकते हैं। नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के एक अध्ययन के अनुसार, 2040 तक, उपग्रहों से पृथ्वी में प्रवेश करने वाले मलबे की मात्रा उल्कापिंडों की धूल के बराबर हो सकती है। यह स्थिति अंतरिक्ष संचालन के लिए एक स्पष्ट संकेत है कि वर्तमान प्रणालियों को उन्नत करने की आवश्यकता है। एएलबीएटीओआर का आयन बीम दृष्टिकोण, जो मलबे को धीरे से धकेलता है, इस विशाल चुनौती का सामना करने के लिए एक नया मार्ग प्रशस्त करता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि हम अपने साझा अंतरिक्ष क्षेत्र की देखभाल जिम्मेदारी से करें।
