अक्टूबर 22, 2025 की वर्तमान तिथि के अनुसार, चंद्र खनन उद्योग एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है, जहाँ सरकारी पहल और निजी क्षेत्र के उद्यम मिलकर अंतरिक्ष के इस नए सीमांत को आकार दे रहे हैं। यह वह समय है जब पृथ्वी पर स्थापित खनन की गहरी समझ और अंतरिक्ष अन्वेषण की महत्वाकांक्षाएं एक दूसरे से मिल रही हैं, जिससे भविष्य की आर्थिक संभावनाओं के द्वार खुल रहे हैं। पूंजी का प्रवाह अंतरिक्ष स्टार्टअप्स की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है, जो चंद्रमा की सतह से संसाधनों के निष्कर्षण की तकनीकों को उन्नत करने पर केंद्रित हैं।
इस दौड़ में केवल नई कंपनियाँ ही नहीं, बल्कि पृथ्वी पर खनन के दिग्गज जैसे कि रियो टिंटो, बीएचपी, और ग्लेंकोर भी सक्रिय रूप से अपनी जगह बना रहे हैं। इन स्थापित संस्थाओं का प्रवेश इस बात का संकेत है कि चंद्रमा पर संसाधनों का दोहन अब केवल एक दूर की कल्पना नहीं, बल्कि एक ठोस व्यावसायिक संभावना बन चुका है। नासा का आर्टेमिस कार्यक्रम इस पूरे प्रयास का नेतृत्व कर रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य चंद्रमा पर एक स्थायी मानव उपस्थिति स्थापित करना है। इस दिशा में, अप्रैल 2026 के लिए निर्धारित आर्टेमिस II मिशन महत्वपूर्ण है, जो ओरियन अंतरिक्ष यान में यात्रियों को लेकर चंद्रमा का चक्कर लगाएगा। इन अभियानों का प्राथमिक ध्यान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर केंद्रित है, क्योंकि वहाँ जल-बर्फ और अन्य मूल्यवान संसाधनों के विशाल भंडार मौजूद हैं। नासा का लक्ष्य 2032 तक एक प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करना है, जो वाणिज्यिक निवेश को आकर्षित करने के लिए जोखिम को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
वाणिज्यिक क्षेत्र, विशेष रूप से वाणिज्यिक पेलोड सेवाएँ (CLPS) पहल के माध्यम से, प्रौद्योगिकी परीक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। फायरफ्लाई एयरोस्पेस का ब्लू घोस्ट मिशन 1, जिसमें नासा के पेलोड शामिल थे, सफलतापूर्वक मार्च 2, 2025 को चंद्रमा पर उतरा और उसने इन-सीटू संसाधन उपयोग (ISRU) प्रौद्योगिकियों को परखा। यह स्थानीय रूप से ईंधन, ऑक्सीजन और निर्माण सामग्री बनाने की क्षमता को दर्शाता है। पारंपरिक खनन कंपनियों की भागीदारी इस क्षेत्र में एक नया आयाम जोड़ रही है। रियो टिंटो, बीएचपी, और ग्लेंकोर जैसी कंपनियाँ स्वायत्त खनन प्रणालियों और अंतरिक्ष रसद क्षमताओं पर अनुसंधान कर रही हैं। उनका विशाल पैमाने पर निष्कर्षण का अनुभव उन्हें भविष्य के चंद्र क्षेत्र में प्रमुख खिलाड़ी बनने की स्थिति में रखता है।
आर्थिक अनुमान भी इस उत्साह को बल देते हैं। चंद्र खनन बाजार के 2035 तक 20 बिलियन डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है। मॉर्गन स्टेनली का आकलन है कि अकेले चंद्र जल निष्कर्षण का बाजार 2040 तक 100 बिलियन डॉलर तक पहुँच सकता है। यह विकास मुख्य रूप से रॉकेट ईंधन और दुर्लभ खनिजों के लिए जल-बर्फ के निष्कर्षण से प्रेरित है। इस उभरते हुए आर्थिक परिदृश्य में, विभिन्न हितधारकों के लिए रणनीतिक कदम आवश्यक हैं। निवेशकों को पारंपरिक खनन कंपनियों द्वारा अंतरिक्ष रोबोटिक्स और रसद में किए जा रहे निवेश पर गहरी नज़र रखनी चाहिए। वहीं, नीति निर्माताओं को संपत्ति अधिकारों और संसाधन स्वामित्व के लिए स्पष्ट ढाँचे स्थापित करने की तत्काल आवश्यकता है। जो भी हितधारक इस समय बुद्धिमानी से अपनी स्थिति निर्धारित करेंगे, वे इस विकसित हो रही चंद्र अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करने के लिए तैयार होंगे।
