काबुल, अफगानिस्तान में एक निजी स्कूल ने 'स्वस्थ बुधवार' नामक एक अनूठी पहल शुरू की है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को बाज़ार के अस्वास्थ्यकर स्नैक्स की जगह पौष्टिक घर का बना खाना खाने के लिए प्रोत्साहित करना है, जिससे उनकी खान-पान की आदतों में सुधार हो सके। यह कार्यक्रम पहली से बारहवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए हर हफ्ते आयोजित किया जाता है। छात्र स्कूल के मैदान में मिलकर खाना बनाते हैं, जिससे उनमें सामुदायिक भावना बढ़ती है और खाना पकाने के आवश्यक कौशल भी सीखते हैं। शिक्षक इस प्रक्रिया में छात्रों का मार्गदर्शन करते हैं।
इस पहल का परिवारों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है, जिससे स्कूलों में अधिक घर का बना स्वस्थ नाश्ता भेजा जाने लगा है। चिकित्सा विशेषज्ञ भी इस दृष्टिकोण का समर्थन करते हैं। वे बाज़ार में मिलने वाले स्नैक्स के स्वास्थ्य जोखिमों के प्रति आगाह करते हैं और बच्चों के समग्र कल्याण के लिए घर के बने भोजन के फायदों पर जोर देते हैं। अफगानिस्तान में बच्चों की पोषण की स्थिति चिंताजनक है, जहाँ पांच साल से कम उम्र के लगभग 20 लाख बच्चे हर साल कुपोषण से प्रभावित होते हैं। इनमें से 6 लाख बच्चे गंभीर रूप से अल्पपोषित होते हैं, जिससे उनके मरने का खतरा बढ़ जाता है। यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान में लगभग हर पांचवां नवजात शिशु कम वजन का होता है, जो शिशु मृत्यु दर के जोखिम को बढ़ाता है।
इस संदर्भ में, 'स्वस्थ बुधवार' जैसी पहलें बच्चों के स्वास्थ्य और विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। घर का बना भोजन न केवल पोषक तत्वों से भरपूर होता है, बल्कि यह बच्चों को विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों को आज़माने के लिए भी प्रोत्साहित करता है। जब बच्चे खाना पकाने की प्रक्रिया में शामिल होते हैं, तो वे नए खाद्य पदार्थों को आज़माने के लिए अधिक इच्छुक होते हैं। यह न केवल उनके मोटर कौशल को बढ़ाता है बल्कि उनकी एकाग्रता और आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है।
अफगानिस्तान जैसे देश में, जहाँ खाद्य असुरक्षा और कुपोषण एक बड़ी चुनौती है, इस तरह की पहलें बच्चों के लिए पौष्टिक भोजन तक पहुँच सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) भी अफगानिस्तान में स्कूल भोजन कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों को पौष्टिक भोजन प्रदान कर रहा है, जिससे उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। 'स्वस्थ बुधवार' जैसी पहलें बच्चों को स्वस्थ जीवन शैली अपनाने और बाज़ार के अस्वास्थ्यकर विकल्पों से दूर रहने के लिए प्रेरित करती हैं, जो उनके भविष्य के स्वास्थ्य के लिए एक मजबूत नींव रखती हैं।