हमारे खान-पान में चीनी का अत्यधिक सेवन, विशेष रूप से परिष्कृत शर्करा, हृदय स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। यह न केवल वजन बढ़ने और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को बढ़ाने में योगदान देता है, बल्कि हृदय रोगों के जोखिम को भी काफी बढ़ा देता है। शोध बताते हैं कि अतिरिक्त चीनी का सेवन हृदय रोगों के मार्करों को बढ़ा सकता है, जिससे 'अच्छे' कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) का स्तर कम हो सकता है, जो 'खराब' कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को लीवर तक ले जाने के लिए जिम्मेदार है।
एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग अपनी दैनिक कैलोरी का 25% या उससे अधिक चीनी से प्राप्त करते हैं, उनमें हृदय रोग से मरने का खतरा दोगुना या उससे भी अधिक हो जाता है। एक अन्य शोध में पाया गया कि अधिक चीनी का सेवन हृदय रोगों के जोखिम को 6% तक और स्ट्रोक के खतरे को 10% तक बढ़ा सकता है। हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. दिमित्री यारानोव के अनुसार, प्रतिदिन केवल एक बार चीनी का सेवन करने से भी हृदय रोग का खतरा लगभग 18% बढ़ सकता है।
परिष्कृत शर्करा, जो मिठाइयों, पेस्ट्री और अन्य प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में पाई जाती है, खाली कैलोरी प्रदान करती है और चयापचय संबंधी समस्याएं पैदा कर सकती है। इसके विपरीत, फलों, सब्जियों और साबुत अनाज में प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली शर्करा फाइबर के साथ आती है, जो पाचन में सहायता करती है और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
अपने हृदय स्वास्थ्य की रक्षा के लिए, परिष्कृत चीनी की खपत को दैनिक कैलोरी का 10% से कम रखने की सलाह दी जाती है। एक 1,800-कैलोरी आहार के लिए, यह लगभग 11 चम्मच चीनी प्रति दिन के बराबर है। मीठे पेय पदार्थों से परहेज करना और पानी या बिना मीठे पेय पदार्थों को चुनना एक प्रभावी रणनीति है। इसके अतिरिक्त, साबुत खाद्य पदार्थों जैसे फल, सब्जियां और साबुत अनाज का सेवन बढ़ाना, सामग्री को सावधानीपूर्वक मापना और मीठे खाद्य पदार्थों के सेवन को धीरे-धीरे कम करना भी सहायक हो सकता है। इन सरल लेकिन प्रभावी बदलावों को अपनाकर, हम न केवल अपने हृदय स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं, बल्कि अपने वजन को बेहतर ढंग से प्रबंधित कर सकते हैं और संबंधित बीमारियों के जोखिम को भी कम कर सकते हैं।