तुर्की के अकसू शहर के पास स्थित 2,200 साल पुराने टिम्ब्रिआडा प्राचीन शहर में पुरातात्विकों ने महत्वपूर्ण खोजें की हैं। सुलेमान डेमिरेल विश्वविद्यालय के पुरातत्व विभाग द्वारा प्रोफेसर फिकरेट ओज़कान के नेतृत्व में की जा रही इन खुदाईयों से उस काल के निवासियों के दैनिक जीवन और अर्थव्यवस्था की गहरी जानकारी मिलती है। विशेष रूप से, भंडारण कक्षों, रसोई घरों और कार्बनित अनाजों की खोज ने प्राचीन कृषि पद्धतियों, आहार और आर्थिक गतिविधियों को समझने में नई दिशाएं खोली हैं।
खुदाई का मुख्य केंद्र प्राचीन चर्च रहा है, जिसे उस बस्ती का हृदय स्थल माना जाता है। प्रोफेसर ओज़कान के अनुसार, यहां ऐसे कमरे मिले हैं जिनका उपयोग भंडारण के लिए किया जाता था, और कुछ में रसोई घर भी थे। यह खोज विशेष रूप से उत्तरवर्ती प्राचीन काल में चर्च के बढ़ते महत्व को दर्शाती है। इसके अतिरिक्त, अनाज भंडार (ग्रैनरी) और साइलो (अनाज भंडारण के लिए बने भूमिगत या ऊपर बने कक्ष) भी मिले हैं, जो उस युग की कृषि तकनीकों और खाद्य सुरक्षा के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन अनाजों के कार्बनित (जलने के बाद संरक्षित) अवशेषों का अध्ययन, प्राचीन आहार, फसल प्रसंस्करण और खेती के तरीकों को समझने में अत्यंत सहायक होता है। कार्बनित अनाज गर्मी के कारण क्षय से बच जाते हैं, जिससे वे हजारों वर्षों तक अपनी जानकारी बनाए रखते हैं।
टिम्ब्रिआडा का इतिहास लगभग 2,200 वर्ष पुराना है और यह असारटेपे की ढलानों पर स्थित था। यह पिसीडिया क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण केंद्र था, जो प्राचीन एशिया माइनर के पहाड़ी और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इलाकों में शामिल था। रोमन काल के दौरान, टिम्ब्रिआडा पैनहेलेनिक संघ का हिस्सा हो सकता था, जिसमें एथेंस और पिरगामोन जैसे शहर शामिल थे, हालांकि इसका सटीक प्रमाण नहीं मिला है। शहर की आर्थिक जीवंतता के संकेत के रूप में, इसके आसपास की खुदाईयों और पहले के अनुसंधानों में दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व के सिक्के पाए गए हैं।
प्रोफेसर ओज़कान ने इस बात पर जोर दिया कि ये खोजें न केवल प्राचीन लोगों के आहार और आर्थिक अनुकूलन को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि आधुनिक कृषि और आनुवंशिक विविधता के अध्ययन के लिए भी मूल्यवान हैं। कार्बनित अनाजों का विश्लेषण करके, शोधकर्ता यह समझ सकते हैं कि कैसे प्राचीन समाजों ने बढ़ती आबादी की खाद्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपनी कृषि पद्धतियों को अनुकूलित किया। टिम्ब्रिआडा में मिली विभिन्न देवताओं की मूर्तियां और पूजा स्थलों के अवशेष, जैसे कि काइबेले (मातृ देवी) का पंथ क्षेत्र, उस समय की धार्मिक विविधता को भी दर्शाते हैं। कुल मिलाकर, टिम्ब्रिआडा प्राचीन शहर की खुदाईयां हमें उस काल के लोगों के जीवन के ताने-बाने को समझने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती हैं। भंडारण कक्ष, रसोई और संरक्षित अनाज के अवशेष हमें न केवल उनके दैनिक संघर्षों और उपलब्धियों की झलक दिखाते हैं, बल्कि यह भी बताते हैं कि कैसे उन्होंने प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाकर जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा किया, जो आज भी प्रासंगिक है।