जम्मू और कश्मीर के ऐशमुकाम क्षेत्र में पवित्र कर्कूट नाग झरने के पास जीर्णोद्धार कार्य के दौरान पंद्रह प्राचीन हिंदू मूर्तियाँ मिली हैं, जिनमें ग्यारह शिव लिंगम शामिल हैं। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, इन पवित्र वस्तुओं को एक हजार साल से भी पहले विनाश से बचाने के लिए पत्थरों के नीचे सावधानी से दफनाया गया था। यह खोज क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत पर प्रकाश डालती है।
पुरातत्व विभाग के विशेषज्ञों ने स्थल का दौरा कर इस खोज के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व की पुष्टि की है। माना जाता है कि ये कलाकृतियाँ 7वीं-9वीं शताब्दी के दौरान कश्मीर पर शासन करने वाले कारुकटा राजवंश से संबंधित हो सकती हैं। इस काल में कश्मीर में हिंदू मंदिरों और वास्तुकला का महत्वपूर्ण विकास हुआ था। कारुकटा राजवंश, जिसने 625 ईस्वी से 855 ईस्वी तक कश्मीर घाटी पर शासन किया, अपने सांस्कृतिक और कलात्मक योगदान के लिए जाना जाता है, जिसमें शासक ललितआदित्य मुक्तापिडा का शासनकाल भी शामिल है, जिनके अधीन कश्मीर ज्ञान और आध्यात्मिकता का केंद्र बना। सभी मूर्तियों को आगे के शोध और वैज्ञानिक विश्लेषण के लिए एक संग्रहालय में स्थानांतरित किया जाएगा, जिससे कश्मीर के प्राचीन इतिहास और कारुकटा राजवंश के प्रभाव पर नई जानकारी मिलने की उम्मीद है। इस खोज ने स्थानीय समुदाय में उत्साह पैदा किया है और कश्मीर की प्राचीन विरासत में रुचि को फिर से जगाया है।