पुरातत्वविदों ने हाल ही में लेबनान के बारूस शहर के पास एक महत्वपूर्ण खोज की है, जिसमें लगभग 2300 वर्ष पुरानी पिरामिड जैसी संरचना का पता चला है। यह खोज इस क्षेत्र के प्राचीन जीवन और वास्तुकला पर प्रकाश डालती है, जो लेबनान के समृद्ध पुरातात्विक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ती है।
पुरातत्वविदों ने पिरामिड के आसपास के तीन हेक्टेयर कृषि भूमि का चुंबकीय सर्वेक्षण (magnetic surveying) किया। इस उन्नत तकनीक ने भूमिगत दीवारों, विभिन्न स्थानों और एक कक्ष की पहचान करने में मदद की, जिससे यह संकेत मिलता है कि यह पिरामिड एक बड़े परिसर का हिस्सा था, जिसका संबंध संभवतः कृषि गतिविधियों और भंडारण से था। चुंबकीय सर्वेक्षण, जो पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में सूक्ष्म परिवर्तनों को मापता है, दबी हुई संरचनाओं और कलाकृतियों का पता लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक उपकरण है।
यह पिरामिड बारूस क्षेत्र से बहने वाली नहर सौस (Nahr Souss) के पास स्थित है। इसका निर्माण तराशे हुए पत्थर के खंडों से किया गया है, और इसकी सतह प्राचीन काल से लेकर बाइजेंटाइन काल तक की निर्माण शैलियों को दर्शाती है। सामग्री के विश्लेषण से पता चलता है कि पिरामिड का इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान था, जिसमें बड़े भंडारण जार और रोमन काल के मिट्टी के बर्तन मिले हैं। यह खोज तटीय क्षेत्रों के महत्व को भी रेखांकित करती है, जो ऐतिहासिक रूप से समुद्री गतिविधियों और कृषि पर निर्भर रहे हैं।
लेबनान का समृद्ध पुरातात्विक इतिहास, जो फ़ोनीशियन, रोमन और बाइजेंटाइन सभ्यताओं से प्रभावित है, इस खोज के साथ और भी समृद्ध हो गया है। बारूस में पर्यटन का बढ़ता विस्तार और नई निर्माण गतिविधियाँ इस क्षेत्र के सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की आवश्यकता को उजागर करती हैं। हालांकि चुंबकीय सर्वेक्षण ने कई महत्वपूर्ण विसंगतियों का पता लगाया है, पिरामिड की पूरी विशेषताओं को समझने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है। भविष्य के अध्ययनों में, चुंबकीय सर्वेक्षण के साथ ग्राउंड-पेनेट्रेटिंग रडार (GPR) जैसी तकनीकों को एकीकृत करने का सुझाव दिया गया है, जो गैर-विनाशकारी तरीके से भूमिगत संरचनाओं की विस्तृत छवियां प्रदान कर सकता है।
एक प्रारंभिक खुदाई में पिरामिड से मेल खाती बाहरी संरचना का पता चला है, जो समान स्थापत्य शैली का संकेत देता है। यह खोज बारूस के प्राचीन तटीय समुदायों की जीवन शैली और गतिविधियों पर एक नया दृष्टिकोण प्रदान करती है। यह हमें याद दिलाता है कि इतिहास की परतें अभी भी हमारे पैरों के नीचे दबी हुई हैं, जो खोजे जाने की प्रतीक्षा कर रही हैं। इन प्राचीन रहस्यों को उजागर करना न केवल हमारे अतीत को समझने का एक अवसर है, बल्कि यह वर्तमान की प्रगति और भविष्य के संरक्षण के बीच संतुलन बनाने की हमारी क्षमता का भी प्रमाण है।