श्रीनगर: लगातार दो दिनों की बारिश के बाद झेलम नदी कई स्थानों पर खतरे के निशान को पार कर गई है, जिससे श्रीनगर में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। निचले इलाकों में पानी घुसने से स्थानीय निवासी प्रभावित हुए हैं और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें बचाव और राहत कार्यों में जुटी हैं।
श्रीनगर के राजबाग, कुरुसू राजबाग और ज़ैनकदल जैसे निचले इलाकों में घरों में पानी घुसने की सूचना है। एसडीआरएफ की टीमें लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए सक्रिय हैं। एसडीआरएफ अधिकारियों ने पुष्टि की है कि स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं और बचाव व राहत अभियानों के लिए कर्मियों और संसाधनों को तैनात किया गया है। कई परिवारों को उनके घरों से निकालकर सुरक्षित आश्रयों में पहुंचाया गया है।
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, प्रशासन ने कई महत्वपूर्ण पुलों को यातायात के लिए बंद कर दिया है, जिससे शहर के भीतर आवागमन प्रभावित हुआ है। संचार नेटवर्क में आई बाधाओं, जैसे मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट सेवाओं में रुकावटों ने स्थिति को और जटिल बना दिया है, जिससे लोगों के लिए संपर्क साधना और जानकारी प्राप्त करना मुश्किल हो गया है।
27 अगस्त 2025 की शाम तक, संगम पर झेलम का जलस्तर 23.12 फीट दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 21 फीट से काफी ऊपर था। श्रीनगर के मुंशी बाग में भी नदी का जलस्तर 21.10 फीट तक पहुंच गया, जिसने 18 फीट की चेतावनी सीमा को पार कर लिया। यह स्थिति 2014 की विनाशकारी बाढ़ की याद दिलाती है, जब झेलम नदी के उफान से श्रीनगर में भारी तबाही हुई थी।
विशेषज्ञों का मानना है कि झेलम नदी की जल वहन क्षमता में पिछले पांच दशकों में लगभग एक तिहाई की कमी आई है, जिसका मुख्य कारण नदी तल में गाद का जमा होना है। इसके अलावा, घाटी के आर्द्रभूमि (wetlands) भी तेजी से सिकुड़ रहे हैं, जिससे बाढ़ के पानी को सोखने की क्षमता कम हो गई है।
प्रशासनिक अधिकारी स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं और बाढ़ नियंत्रण कक्षों को सक्रिय कर दिया गया है। मौसम विभाग ने भी स्थिति का आकलन किया है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे जल निकायों से दूर रहें और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर ही भरोसा करें। श्रीनगर नगर निगम (एसएमसी) ने जलभराव वाले क्षेत्रों में पानी निकालने के लिए मोबाइल पंप तैनात किए हैं। यह सामूहिक प्रयास विपरीत परिस्थितियों में एकजुटता और एक-दूसरे के प्रति जिम्मेदारी की भावना को दर्शाता है।