पाकिस्तान के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में हाल ही में हुई भारी मानसून की बारिश और ग्लेशियर झील के फटने (GLOF) से व्यापक तबाही मची है। अचानक आई बाढ़ ने घरों, बुनियादी ढांचे और कृषि भूमि को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है। कई गांव जलमग्न हो गए हैं और भूस्खलन की घटनाएं भी हुई हैं।
आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार, प्रभावित क्षेत्रों का लगभग 80% हिस्सा बाढ़ की चपेट में आ गया है। गिलगित, बाल्टिस्तान और अन्य जिलों में 330 से अधिक घरों को नुकसान पहुंचा है, जबकि दर्जनों दुकानें और व्यवसाय भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। रोशन गांव का लगभग 80% हिस्सा नष्ट हो गया है। बचाव अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसमें मलबा हटाने और आवश्यक सेवाओं को बहाल करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग (PMD) ने कई जिलों के लिए उच्च अलर्ट जारी किया है, क्योंकि आने वाले दिनों में और अधिक बारिश की उम्मीद है। अधिकारियों ने ग्लेशियर झीलों की अस्थिरता और आगे बाढ़ की संभावना के बारे में चेतावनी दी है। 22 अगस्त, 2025 को घिजर जिले के कम से कम छह गांवों में ग्लेशियर फटने से आई बाढ़ ने 300 से अधिक घरों को तबाह कर दिया, जिससे सैकड़ों लोग विस्थापित हुए।
पाकिस्तान में ग्लेशियरों के पिघलने से 3,044 ग्लेशियर झीलें बन गई हैं, जिनमें से 33 खतरनाक मानी जाती हैं और बाढ़ का कारण बन सकती हैं। वर्तमान में गिलगित-बाल्टिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में 71 लाख से अधिक लोग बाढ़ के जोखिम में हैं।