पाकिस्तान के सिंध प्रांत में बाढ़ का संकट गहराता जा रहा है, जिसके चलते बड़े पैमाने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। 7 सितंबर, 2025 तक, सिंधु नदी के किनारे बसे इलाकों से 121,000 से अधिक निवासियों को ऊंचे जल स्तर के कारण विस्थापित किया गया है। प्रमुख बैराजों पर रिकॉर्ड जल प्रवाह दर्ज किया गया है, जिसमें त्रिममू बैराज पर पानी के स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। अधिकारी लगातार बदलते जल स्तरों पर कड़ी नजर रख रहे हैं, क्योंकि यह आसपास के समुदायों के लिए एक गंभीर खतरा पैदा कर रहा है। सेहवान के नदी तटीय क्षेत्रों में निवासियों के लिए निकासी के आदेश जारी किए गए हैं।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने देश भर में हुई मौतों की पुष्टि की है, जिसमें खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सबसे अधिक हताहतों की संख्या बताई गई है। हजारों घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं और पशुधन का भारी नुकसान हुआ है। राहत प्रयासों में सहायता के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा आवश्यक आपूर्ति सहित मानवीय सहायता भेजी गई है। एक मजबूत मौसम प्रणाली के कारण इस्लामाबाद और उत्तरी पंजाब के कुछ हिस्सों में भारी बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की आशंका है, जिससे शहरी बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। निवासियों को सावधानी बरतने और सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।
एक दुखद घटना में, निकासी के दौरान एक नाव के पलट जाने से कई लोगों की मौत हो गई। यह बाढ़ न केवल जान-माल का नुकसान कर रही है, बल्कि देश के बुनियादी ढांचे और कृषि पर भी गहरा प्रभाव डाल रही है। पंजाब प्रांत, जो देश की आधी आबादी का घर है और गेहूं व चावल का प्रमुख उत्पादक है, विशेष रूप से प्रभावित हुआ है। नदियों के उफान पर होने और नए मानसून की चेतावनी के बीच, पाकिस्तान बाढ़ से निपटने के लिए कमर कस रहा है।
इस बीच, संयुक्त राज्य अमेरिका ने राहत सामग्री पहुंचाई है, जिसमें टेंट, पानी निकालने वाले पंप और जनरेटर शामिल हैं, जो प्रभावित लोगों के लिए महत्वपूर्ण सहायता प्रदान कर रहे हैं। यह सहायता पाकिस्तान की सेना के अनुरोध पर भेजी गई है। अधिकारियों ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए राहत शिविर, चिकित्सा सुविधाएं और पशु चिकित्सा पोस्ट स्थापित किए हैं। बाढ़ से अब तक 907 लोगों की जान जा चुकी है और 1,044 घायल हुए हैं, जबकि 6,180 पशुधन की मौत हुई है और 7,848 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं।