पेरू के अमेज़ोनास क्षेत्र के उटकुबाम्बा प्रांत के बागुआ ग्रांडे में एक महत्वपूर्ण जीवाश्म खोज हुई है। यहां लगभग 6.6 करोड़ साल पुराना, यानी लेट क्रेटेशियस काल का एक स्पाइनोसॉरस का दांत मिला है। यह खोज पेरू में स्पाइनोसॉरस की उपस्थिति का पहला भौतिक प्रमाण है, जो इस क्षेत्र के प्रागैतिहासिक जीवन को समझने में एक नया अध्याय खोलती है। इस अनमोल जीवाश्म को म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री (MHN) में 'स्पाइनोसॉरस एन एल पेरू' नामक प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया है।
नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सैन मार्कोस के वर्टेब्रेट पेलियोन्टोलॉजी विभाग के प्रमुख, रोडोल्फो सालास-गिस्मोंडी ने इस दांत की पहचान की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि इसकी बनावट और विश्लेषण के आधार पर यह निश्चित रूप से स्पाइनोसॉरस का दांत है। इस दांत की संरचना, जैसे कि इसका पतला ताज, दो कीलें, गोल क्रॉस-सेक्शन, खुरदरी इनेमल और लंबाई में धारियाँ, स्पाइनोसॉरस परिवार (Spinosauridae) की विशेषताएँ हैं। ये लक्षण अफ्रीका के स्पाइनोसॉरस एजिप्टिकस जैसे मांसाहारी डायनासोर से मिलते जुलते हैं।
यह खोज इस बात की पुष्टि करती है कि स्पाइनोसॉरस केवल अफ्रीका और ब्राजील तक ही सीमित नहीं थे, बल्कि वे प्राचीन समुद्री मार्गों से होते हुए दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी तट तक भी पहुंचे थे। यह इस बात का भी संकेत देता है कि पेरू का बागुआ ग्रांडे क्षेत्र, डायनासोर युग के अंत के जीवाश्मों के अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल हो सकता है। स्पाइनोसॉरस, जो कि अर्ध-जलीय शिकारी थे, क्रेटेशियस काल के अंतिम चरण में, यानी 80 से 66 मिलियन वर्ष पूर्व तक जीवित थे। यह समय विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर में स्पाइनोसॉरस के अधिकांश अवशेष प्रारंभिक या मध्य क्रेटेशियस काल के मिलते हैं।
पेरू में डायनासोर के कंकाल के अवशेषों की कमी का एक मुख्य कारण भूवैज्ञानिक कारक हैं। क्रेटेशियस काल के दौरान, देश का अधिकांश भाग समुद्र में डूबा हुआ था, जिससे केवल सीमित स्थलीय क्षेत्रों में ही डायनासोर जीवन संभव था। इसके अतिरिक्त, क्रेटेशियस चट्टानों के निर्माणों में अन्वेषण की कमी ने भी जीवाश्म रिकॉर्ड को सीमित किया है। हालांकि, बागुआ ग्रांडे अब डायनासोर के कंकाल के अवशेषों को खोजने के लिए एक प्रमुख स्थान माना जा रहा है। जीवाश्म पैरों के निशान पेरू में अधिक आम हैं, लेकिन वे हड्डियों और दांतों से अलग वातावरण में संरक्षित होते हैं। पैरों के निशान तटीय क्षेत्रों में बनते हैं, जबकि कंकाल के अवशेष उच्च-ऊर्जा वाले वातावरण में बेहतर संरक्षित होते हैं।
यह खोज न केवल दक्षिण अमेरिका के प्रागैतिहासिक जीवों की हमारी समझ को समृद्ध करती है, बल्कि अमेज़ॅन क्षेत्र के भविष्य के जीवाश्म विज्ञान अध्ययनों के महत्व को भी रेखांकित करती है। स्पाइनोसॉरस परिवार के सदस्य, जैसे कि स्पाइनोसॉरस और बैरियोनिक्स, अपनी लंबी, मगरमच्छ जैसी थूथन और मछली पकड़ने के लिए अनुकूलित दांतों के लिए जाने जाते हैं। कुछ स्पाइनोसॉरस की पीठ पर एक पाल (sail) भी होता था, जो संभवतः तापमान नियंत्रण या प्रदर्शन के लिए उपयोग किया जाता था। पेरू में इस दांत की खोज ने इस बात की पुष्टि की है कि ये विशाल शिकारी जीव एक समय में इस महाद्वीप पर भी विचरण करते थे, जो पृथ्वी के इतिहास के एक महत्वपूर्ण कालखंड की कहानी कहता है।