कंबोडिया के स्टंग ट्रेन्ग प्रांत के सेसन जिले के कातोट गांव में पुरातत्वविदों ने एक विशाल जीवाश्म वृक्ष की खोज की है। यह वृक्ष 100,000 से 2 मिलियन वर्ष पुराना होने का अनुमान है और इसकी लंबाई लगभग 30 मीटर है, जिसमें से आधे से अधिक हिस्से की खुदाई की जा चुकी है। स्थानीय लोग इसे 'काकिर थमार' के नाम से जानते हैं।
यह महत्वपूर्ण खोज 11 अगस्त, 2025 को शुरू हुई थी, जो कंबोडिया के पर्यावरण मंत्रालय, स्टंग ट्रेन्ग प्रांतीय पर्यावरण और संस्कृति एवं ललित कला विभागों, और सेसन जिला अधिकारियों के संयुक्त प्रयास का परिणाम है। यह जीवाश्म वृक्ष मिट्टी और बलुआ पत्थर की परतों में आंशिक रूप से दबा हुआ पाया गया था। इस जीवाश्म वृक्ष का अध्ययन करने का मुख्य उद्देश्य इसे शोध के लिए मूल्यवान बनाना और स्थानीय स्वदेशी समुदाय को लाभ पहुंचाना है।
हालांकि पहले भी छोटे जीवाश्म लकड़ी के टुकड़े मिले हैं, लेकिन सेसन जिले में यह खोज काफी बड़ी है। कंबोडिया में जीवाश्मों पर शोध 2019 से चल रहा है, और अब तक 13 प्रांतों में 67 जीवाश्म स्थल पहचाने जा चुके हैं, जिनमें समुद्री प्रजातियों, डायनासोर की हड्डियों और जीवाश्म लकड़ी के टुकड़े शामिल हैं। यह खोज देश की प्राचीन प्राकृतिक विरासत को समझने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
पर्यावरण मंत्रालय की योजना कातोट गांव के इस स्थल को एक पर्यटक आकर्षण के रूप में विकसित करने की है, जिससे स्थानीय समुदाय के लिए आर्थिक अवसर पैदा होंगे। यह पहल मंत्रालय की कंबोडिया की प्राकृतिक विरासत को संरक्षित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। जीवाश्मों के अध्ययन से न केवल हमारे ग्रह के इतिहास की गहरी समझ मिलती है, बल्कि यह स्थानीय समुदायों के लिए स्थायी पर्यटन और आर्थिक विकास के नए रास्ते भी खोलता है।
इस क्षेत्र में पहले भी जीवाश्म लकड़ी के टुकड़े मिले हैं, जिनमें से कुछ 250 से 300 मिलियन वर्ष पुराने माने जाते हैं, जो पेलियोज़ोइक युग के हैं। यह नई खोज कंबोडिया के भूवैज्ञानिक इतिहास की समृद्धि को और उजागर करती है।