दक्षिण अफ्रीका के अनुभवी फोटोग्राफर विएम वैन डेन हीवर ने वर्ष 2025 के लिए प्रतिष्ठित 'वन्यजीव फोटोग्राफर ऑफ द ईयर' का सर्वोच्च सम्मान प्राप्त किया है। यह वैश्विक स्तर पर प्रशंसित पुरस्कार लंदन स्थित प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय द्वारा प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है। वैन डेन हीवर की विजय का कारण बनी उनकी अद्भुत तस्वीर, जिसका शीर्षक "घोस्ट टाउन विज़िटर" है, नामीबिया के कोलमैनस्कॉप नामक एक सुनसान और रेत से ढके हीरे की खनन बस्ती में एक दुर्लभ भूरी लकड़बग्घे की उपस्थिति को दर्शाती है। यह तस्वीर केवल एक क्लिक नहीं है, बल्कि यह उस फोटोग्राफर के दस वर्षों के अथक समर्पण और दृढ़ता का प्रतिफल है, जिन्होंने रात में सक्रिय रहने वाले इस मायावी प्राणी का एक ही, तकनीकी रूप से दोषरहित और भावनात्मक रूप से मार्मिक फ्रेम कैप्चर करने के लिए लंबा इंतजार किया। इस जीत ने वन्यजीव फोटोग्राफी के क्षेत्र में वैन डेन हीवर की महारत को स्थापित किया है, जो मानव निर्मित क्षय और प्रकृति के लचीलेपन के बीच के द्वंद्व को खूबसूरती से उजागर करती है।
यह प्रतियोगिता, जो अपने 61वें संस्करण में थी, ने इस वर्ष अभूतपूर्व वैश्विक भागीदारी देखी। आयोजकों को 113 देशों और क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हुए 60,600 से अधिक प्रविष्टियों की रिकॉर्ड संख्या प्राप्त हुई। निर्णायक मंडल ने वैन डेन हीवर की तस्वीर की असाधारण गुणवत्ता और विषय वस्तु की गहराई के कारण इसका चयन किया। जूरी सदस्यों ने विशेष रूप से इसकी "कांटेदार अनुभूति" (thorny sensation) का उल्लेख किया, जो दर्शकों को तुरंत जानवर के एकांत और रहस्यमय दायरे में खींच लेती है। मुख्य पुरस्कार जीतने के अलावा, इस तस्वीर ने फोटोग्राफर को "शहरी वन्यजीव" श्रेणी में भी विजेता बनाया। निर्णायक मंडल ने टिप्पणी की कि यह तस्वीर "शहरी" की पारंपरिक परिभाषा को चुनौती देती है, क्योंकि यह एक ऐसे परिवेश को दर्शाती है जो "कभी मनुष्य के प्रभुत्व वाला था, लेकिन अब यह प्रभुत्व समाप्त हो चुका है।" यह व्याख्या दिखाती है कि कैसे प्रकृति धीरे-धीरे छोड़ी गई मानव बस्तियों पर पुनः कब्जा कर रही है।
वैन डेन हीवर की यह यात्रा आसान नहीं थी। उन्होंने लगभग दस साल पहले कोलमैनस्कॉप के वीरान गलियारों में भूरी लकड़बग्घे के निशान पहली बार देखे थे। शुरुआती दौर में, उन्होंने भोर और गोधूलि (सूर्यास्त) के समय इस जानवर को शूट करने के कई प्रयास किए, लेकिन वे सभी असफल रहे। भूरी लकड़बग्घे, जो दुनिया में लकड़बग्घों की सबसे दुर्लभ प्रजाति मानी जाती है, अपनी एकांतप्रिय और निशाचर जीवनशैली के कारण बेहद मुश्किल से दिखाई देती है। अंततः, फोटोग्राफर ने अत्याधुनिक फोटो ट्रैप तकनीक का उपयोग करने का निर्णय लिया। उन्होंने इन कैमरों को उन संभावित रास्तों पर सावधानीपूर्वक और रणनीतिक रूप से स्थापित किया, जहां से इन जानवरों के गुजरने की उम्मीद थी। ये लकड़बग्घे अक्सर केप फर सील के बच्चों का शिकार करने के लिए या नामीब रेगिस्तान के तट पर बहकर आए सड़े-गले मांस की तलाश में कोलमैनस्कॉप से होकर गुजरती हैं, जो उनकी भोजन श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह धैर्य और तकनीकी नवाचार का मिश्रण ही इस ऐतिहासिक तस्वीर को संभव बना पाया।
पुरस्कार विजेता तस्वीरों की प्रदर्शनी 17 अक्टूबर 2025 को शुरू होगी, जहां दुनिया भर के दर्शक इन उत्कृष्ट कृतियों को देख पाएंगे। इस वर्ष की प्रदर्शनी में एक महत्वपूर्ण नवाचार पेश किया जा रहा है: 'जैव विविधता सूचकांक' (Biodiversity Index) का अनावरण। यह संग्रहालय द्वारा विकसित एक नया पैमाना है जिसका उद्देश्य तस्वीरों में दर्शाए गए क्षेत्रों की प्राकृतिक विविधता और पारिस्थितिक स्वास्थ्य का मूल्यांकन करना है। यह सूचकांक इस मूलभूत विचार को रेखांकित करता है कि फोटोग्राफी का सच्चा कौशल केवल सौंदर्यशास्त्र में नहीं, बल्कि मानव इतिहास और प्रकृति के निरंतर, अटूट चक्र के बीच के गहरे और जटिल संबंध को प्रतिबिंबित करने में निहित है। मुख्य पुरस्कारों के अलावा, इतालवी फोटोग्राफर एंड्रिया डोमिनिज़ी ने अपने प्रभावशाली कार्य के लिए "यंग वन्यजीव फोटोग्राफर ऑफ द ईयर 2025" का खिताब जीता, जिसकी तस्वीर ने आवास के विनाश और उसके गंभीर परिणामों को प्रभावी ढंग से चित्रित किया है।