हिंदी दिवस: राष्ट्र की साहित्यिक धरोहर का उत्सव

द्वारा संपादित: Vera Mo

नई दिल्ली: हिंदी दिवस के अवसर पर, हिंदी भाषा की समृद्ध साहित्यिक परंपरा और उसके योगदान का विशेष रूप से सम्मान किया गया। यह भाषा अनगिनत साहित्यिक रत्नों और काव्य कृतियों की जननी रही है, जिन्होंने कानपुर जैसे शहरों की प्रतिष्ठा को बढ़ाया है।

इस अवसर पर, प्रकृति के कवि अनूपशहर के निवासी कवि अनूपशहर और चाँद डोक गाँव के निवासी प्रेम के अमर गायक महाकवि घनानंद को याद किया गया, जिनकी रचनाओं ने हिंदी साहित्य को समृद्ध किया है। आचार्य चतुरसेन शास्त्री की कालजयी कृति 'वैशाली की नगरवधू' आज भी पाठकों को मंत्रमुग्ध करती है। वीर रस के कवि डॉ. हरिओम पंवार, श्रृंगार रस के कवि डॉ. कुमार विश्वास, और नाटककार प्रो. विकास शर्मा ने कानपुर की साहित्यिक परंपरा को एक नई पहचान दी है। सिकंदराबाद के निवासी संतोष आनंद का गीत 'ज़िंदगी की ना टूटे लड़ी, प्यार कर ले घड़ी दो घड़ी' हिंदी सिनेमा की दुनिया में अमर है। खुर्जा निवासी कवि अशोक चक्रधर ने भी हिंदी साहित्य में योगदान दिया है। आधुनिक हिंदी साहित्य के महत्वपूर्ण लेखक और कवि जगदीश चंद्र माथुर ने साहित्य, नाटक और मंच के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया, और 1949 में टेलीविजन के शुरुआती दिनों में आकाशवाणी के नामकरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

हिंदी भाषा के प्रति सम्मान और उपयोगिता बढ़ाने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। कानपुर की सभी शाखाएँ हिंदी के प्रचार-प्रसार में सक्रिय हैं, और बैंक अधिकारी भी हिंदी में कार्य कर रहे हैं, जो भाषा के बढ़ते महत्व को दर्शाता है। कवि धर्मेंद्र हर्ष ने इस बात पर जोर दिया कि हमें अपने विचारों और व्यवहार के साथ-साथ हिंदी का भी सम्मान करना चाहिए, जिससे न केवल आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि आसपास के वातावरण में भी सकारात्मकता आएगी। उन्होंने यह भी कहा कि दिवाली का पर्व उज्ज्वल हो और प्रकाश व उत्सवों का यह समय भारत के प्राचीन ज्ञान को स्थापित करने का अवसर है, जिसे विकसित करने और युवाओं के लिए एक उपयुक्त वातावरण प्रदान करने की आवश्यकता है।

हिंदी दिवस पर, साहित्यिक विरासत और हिंदी भाषा के प्रति सम्मान को व्यापक रूप से सराहा गया, और इसके संवर्धन और संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। यह उत्सव भाषा की शक्ति और उसके सांस्कृतिक महत्व को रेखांकित करता है, जो भारत की एकता और विविधता का प्रतीक है। हिंदी भाषा, अपने विशाल शब्द भंडार और विभिन्न शैलियों के साथ, साहित्य, सिनेमा और दैनिक जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो इसे भारत की सांस्कृतिक पहचान का एक अभिन्न अंग बनाती है।

स्रोतों

  • Hindustan

  • हिंदुस्तान

  • दैनिक ट्रिब्यून

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