पोलैंड ने 12 सितंबर, 2025 को बेलारूस के साथ अपनी सभी सीमा चौकियों को बंद करने का फैसला किया है, जिससे चीन और यूरोपीय संघ के बीच एक महत्वपूर्ण रेल माल ढुलाई मार्ग बाधित हो गया है। यह मार्ग चीन-यूरोप के बीच लगभग 90% रेल माल ढुलाई का वहन करता है। यह कदम रूस-बेलारूस के संयुक्त सैन्य अभ्यासों, ज़ापद-2025, और पोलिश हवाई क्षेत्र में रूसी ड्रोन की घुसपैठ के जवाब में उठाया गया है। पोलिश अधिकारियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए इस निलंबन को अनिश्चित काल के लिए प्रभावी बताया है।
इस व्यवधान के कारण लॉजिस्टिक्स कंपनियों को वैकल्पिक मार्गों की तलाश करनी पड़ रही है, जिससे लागत में वृद्धि और डिलीवरी के समय में देरी हो रही है। कुछ शिपमेंट को कजाकिस्तान, कैस्पियन सागर, काला सागर और दक्षिणी यूरोप के माध्यम से या तुर्की के रास्ते भेजा जा रहा है। यह मार्ग चीन की बेल्ट एंड रोड पहल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और 2024 में इस पर माल ढुलाई की मात्रा में 10.6% की वृद्धि हुई थी, जबकि शिपमेंट का मूल्य 85% बढ़कर 25 बिलियन यूरो से अधिक हो गया था।
यूरोपीय आयोग स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है और सीमा बंद करने के व्यापारिक प्रभाव को स्वीकार करता है। हालांकि, आयोग ने पोलैंड के कार्यों की आलोचना करने से परहेज किया है, और निर्णय के सुरक्षा संदर्भ पर जोर दिया है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने 15 सितंबर को वारसॉ का दौरा कर पोलिश उप प्रधान मंत्री और विदेश मंत्री राडोस्लाव सिकोर्स्की के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की। इन वार्ताओं के बावजूद, पोलैंड ने अपनी स्थिति बनाए रखी है, यह कहते हुए कि जब तक स्थितियां सुरक्षित नहीं मानी जातीं, तब तक सीमा बंद रहेगी।
यह बंद होना सुरक्षा चिंताओं और आर्थिक हितों के बीच जटिल अंतर्संबंध को रेखांकित करता है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा को अंतरराष्ट्रीय व्यापार दायित्वों के साथ संतुलित करने की चुनौतियों को उजागर करता है। इस मार्ग से होने वाले व्यापार का मूल्य 25 बिलियन यूरो प्रति वर्ष है, और यह यूरोपीय संघ और चीन के बीच कुल वार्षिक व्यापार का 3.7% है, जो पिछले वर्ष के 2.1% से बढ़ा है। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म जैसे Temu और Shein, जो इस भूमि मार्ग की गति पर निर्भर करते हैं, इस व्यवधान से विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं। लॉजिस्टिक्स फर्मों का अनुमान है कि यदि यह मार्ग बंद रहता है, तो कुछ पार्सल समुद्र के रास्ते और कुछ हवाई मार्ग से भेजने होंगे, जिससे लागत और परिचालन गुणवत्ता प्रभावित होगी। यह स्थिति वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती पेश करती है, जो पहले से ही विभिन्न भू-राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितताओं का सामना कर रही हैं।