दक्षिण कोरिया और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच सीमा शुल्क टैरिफ से संबंधित व्यापारिक चर्चाओं में सकारात्मक प्रगति देखी जा रही है, जो दोनों राष्ट्रों के आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक साझा समझ की ओर बढ़ने का संकेत देती है। दक्षिण कोरियाई अधिकारियों ने वाशिंगटन की यात्रा से पहले ही इन वार्ताओं की प्रगति पर आशा व्यक्त की है, जो एक सुसंगत दृष्टिकोण को दर्शाता है। यह विकास इस तथ्य को रेखांकित करता है कि वर्ष 2025 में दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध निरंतर मजबूती प्राप्त कर रहे हैं।
यह प्रगति उस व्यापक समझौते का हिस्सा है जिसके तहत सियोल ने अमेरिकी टैरिफ में कमी लाने के लिए अमेरिका में 350 बिलियन डॉलर के निवेश का वादा किया है। मूल रूप से, इस समझौते का लक्ष्य कोरियाई निर्यात पर लगने वाले टैरिफ को 25 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करना है। जुलाई में एक व्यापक ढांचा तय होने के बावजूद, अंतिम सहमति निवेश पैकेज की संरचना और मुद्रा अस्थिरता के विरुद्ध सुरक्षा उपायों पर हुए मतभेदों के कारण विलंबित हो गई थी।
दक्षिण कोरियाई प्रतिनिधिमंडल, जिसमें वित्त मंत्री और उप प्रधान मंत्री कू यून-चोल, राष्ट्रपति नीति प्रमुख किम योंग-बीओम और उद्योग मंत्री किम जियोंग-क्वान शामिल हैं, ने वाशिंगटन में व्हाइट हाउस प्रबंधन और बजट कार्यालय (ओएमबी) का दौरा किया। यह कदम दर्शाता है कि सरकारें अब समझौते के प्रशासनिक और कानूनी विवरणों को अंतिम रूप दे रही हैं, जो अंतिम अनुमोदन से पहले की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेन्ट ने भी विश्वास व्यक्त किया है कि टैरिफ वार्ता अगले 10 दिनों के भीतर निष्कर्ष पर पहुंच जाएगी, क्योंकि दोनों पक्ष विवरणों को सुलझा रहे हैं।
एक प्रमुख चुनौती विदेशी मुद्रा सुरक्षा तंत्र को लेकर थी, जहाँ सियोल ऋणों और गारंटियों पर केंद्रित एक लचीले दृष्टिकोण का पक्षधर था, जबकि वाशिंगटन तत्काल नकद भुगतान पर जोर दे रहा था। हालांकि, दक्षिण कोरियाई अधिकारियों ने संकेत दिया है कि अमेरिकी एजेंसियों के बीच समन्वय अब पहले से कहीं अधिक निकट है। यह समन्वय इस बात का प्रमाण है कि सहयोग और आपसी समझ से जटिलताओं का समाधान संभव है।
अधिकारियों ने आशा व्यक्त की है कि यह प्रगति राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली जे-म्युंग के बीच एपीईसी शिखर सम्मेलन से पहले पूरी हो जाएगी, जो अक्टूबर के अंत में ग्योंगजू में होने वाला है। यह शिखर सम्मेलन समझौते को औपचारिक रूप देने का एक स्वाभाविक अवसर प्रदान करता है। यह वार्ता ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका ने हाल ही में कोरियाई उत्पादों पर व्यापार असंतुलन का कारण बताते हुए 25% टैरिफ लगाया था। यह पूरी प्रक्रिया दर्शाती है कि कैसे दृढ़ संकल्प और स्पष्ट संवाद से आर्थिक गतिरोध को विकास के अवसर में बदला जा सकता है।
