सीरिया के विदेश मंत्री असाद अल-शैबानी ने हाल ही में वाशिंगटन डी.सी. की ऐतिहासिक यात्रा की है, जो पिछले 25 वर्षों में किसी सीरियाई विदेश मंत्री की पहली आधिकारिक यात्रा है। यह यात्रा सीरिया और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच राजनयिक संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत देती है, जो दशकों के अलगाव के बाद एक नए अध्याय की शुरुआत करने की सीरिया की इच्छा को दर्शाती है।
यह यात्रा सीरियाई सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो बशर अल-असद के शासन के अंत और एक अंतरिम सरकार की स्थापना के बाद अंतरराष्ट्रीय संबंधों को फिर से स्थापित करने का प्रयास कर रही है। सीरियाई राज्य समाचार एजेंसी सना के अनुसार, इस यात्रा को 'ऐतिहासिक' बताया गया है, जो अमेरिका के साथ 'सीधी बातचीत' के लिए सीरिया की तत्परता को दर्शाता है।
विदेश मंत्री अल-शैबानी का लक्ष्य अमेरिका पर लगे प्रतिबंधों में ढील की मांग करना है, जिन्होंने सीरियाई अर्थव्यवस्था को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। इन प्रतिबंधों ने देश में आवश्यक वस्तुओं की कमी पैदा कर दी है और मानवीय सहायता के प्रवाह को भी बाधित किया है। अल-शैबानी की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका ने हाल ही में सीरिया पर लगे कुछ प्रतिबंधों में ढील दी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मई में सऊदी अरब में सीरियाई अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शारा से मुलाकात के बाद कई अमेरिकी आर्थिक प्रतिबंधों को समाप्त करने के कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। यह कदम सीरिया के लिए अंतरराष्ट्रीय अलगाव को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
इस यात्रा के दौरान, अल-शैबानी की शुक्रवार को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात होने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने अमेरिकी सीनेटरों के साथ भी बातचीत की, जिसमें सीनेट की विदेश संबंध समिति की रैंकिंग सदस्य सीनेटर जीन शैहीन भी शामिल थीं। इन वार्ताओं का मुख्य उद्देश्य सीरिया पर लगे सीज़र अधिनियम जैसे प्रतिबंधों को स्थायी रूप से हटाना है। सीनेटरों ने एक स्थिर और आर्थिक रूप से समृद्ध सीरिया में साझा हित की पुष्टि की, और यह भी माना कि प्रतिबंध सीरियाई अर्थव्यवस्था में आवश्यक निवेश को बाधित कर रहे हैं।
यह यात्रा क्षेत्रीय स्थिरता और सीरिया-अमेरिकी संबंधों के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण निहितार्थ रखती है। दशकों के तनाव के बाद, यह राजनयिक जुड़ाव सीरिया के लिए अपनी अंतरराष्ट्रीय स्थिति को मजबूत करने और देश के पुनर्निर्माण के प्रयासों को गति देने का एक अवसर प्रदान करता है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों को किस दिशा में ले जाती है और क्या यह सीरिया के लिए एक नए युग की शुरुआत करती है।