19 सितंबर, 2025 को तीन रूसी मिग-31 लड़ाकू विमानों द्वारा एस्टोनियाई हवाई क्षेत्र के कथित उल्लंघन के जवाब में, एस्टोनिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपातकालीन बैठक बुलाई, जो 22 सितंबर, 2025 को आयोजित हुई। एस्टोनिया के विदेश मंत्री मार्गस तसहकना ने इस घटना को "अभूतपूर्व रूप से दुस्साहसिक" बताया और कहा कि यह रूस द्वारा अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों को कमजोर करने का प्रयास है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे उल्लंघन पर सुरक्षा परिषद के भीतर चर्चा की जानी चाहिए। रूसी प्रतिनिधि ने हालांकि, उल्लंघन से इनकार किया और दावा किया कि उड़ान नियोजित थी और एस्टोनियाई हवाई क्षेत्र का उल्लंघन नहीं किया।
नाटो ने एस्टोनिया में तैनात अपने एफ-35 इंटरसेप्टर को रूसी विमानों को रोकने के लिए सक्रिय किया। स्वीडन और फिनलैंड ने भी राष्ट्रीय उपायों के तहत और नाटो के साथ समन्वय में अपने इंटरसेप्टर उठाए। यह घटना बाल्टिक क्षेत्र में बढ़ते तनाव का हिस्सा है, जहां हाल के हफ्तों में पोलैंड और रोमानिया ने भी रूसी ड्रोन द्वारा अपने हवाई क्षेत्र के उल्लंघन की सूचना दी है। इन घटनाओं ने रूस की कार्रवाइयों के पैटर्न और यूरोपीय सुरक्षा पर उनके प्रभाव के बारे में चिंताएं बढ़ा दी हैं।
नाटो ने इन बढ़ते खतरों के जवाब में 'ईस्टर्न सेंट्री' मिशन लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य गठबंधन के पूर्वी हिस्से में अपनी स्थिति को मजबूत करना है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक का उद्देश्य राजनयिक समाधान खोजना और आगे तनाव को बढ़ने से रोकना है। यह घटना यूरोपीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है, जो अंतरराष्ट्रीय सहयोग और मजबूत रक्षा तंत्र के महत्व को रेखांकित करती है।