वियतनाम और उत्तर कोरिया 2025 में अपने राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, जिसे दोनों देश 'मित्रता वर्ष' के रूप में मनाएंगे। इस ऐतिहासिक अवसर के उपलक्ष्य में, वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव, टू लैम, अक्टूबर 2025 में प्योंगयांग की यात्रा करने वाले हैं। यह यात्रा लगभग दो दशकों में किसी वियतनामी नेता की उत्तर कोरिया की पहली यात्रा होगी और यह उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक का अवसर प्रदान करेगी। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देशों के बीच उच्च-स्तरीय आधिकारिक बैठकें 2023 में फिर से शुरू हुई हैं, जो पांच साल के अंतराल के बाद हुई थीं। हालांकि, दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक रूप से मजबूत संबंध होने के बावजूद, वर्तमान में उत्तर कोरिया पर लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण कोई सक्रिय व्यापारिक संबंध नहीं हैं। 2016 में वियतनाम का उत्तर कोरिया को निर्यात लगभग 3 मिलियन अमेरिकी डॉलर था।
टू लैम की यह संभावित यात्रा एक महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक घटना है। यह यात्रा वियतनाम के दक्षिण कोरिया के साथ बढ़ते आर्थिक संबंधों के समानांतर हो रही है। अगस्त 2025 में, टू लैम दक्षिण कोरिया की यात्रा करेंगे, जहाँ वे जून 2025 में पदभार ग्रहण करने वाले राष्ट्रपति ली जे-मायुंग से मिलेंगे। दक्षिण कोरिया वियतनाम का सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है, जिसने 2024 के अंत तक 92 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है। सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी दक्षिण कोरियाई कंपनियों ने वियतनाम में 22 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश किया है, जो वियतनाम की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। 2025 की पहली छमाही में, सैमसंग ने वियतनाम में 2 बिलियन स्मार्टफोन का उत्पादन पूरा किया।
ऐतिहासिक रूप से, वियतनाम और उत्तर कोरिया के संबंध 31 जनवरी 1950 को औपचारिक राजनयिक संबंधों की स्थापना के साथ शुरू हुए थे। 1957 में राष्ट्रपति हो ची मिन्ह ने प्योंगयांग का दौरा किया था, और 2007 में वियतनामी नेता नोंग ड्यूक मान्ह की प्योंगयांग की यात्रा अंतिम बार हुई थी। किम जोंग उन ने 2019 में हनोई का दौरा किया था, जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ शिखर सम्मेलन का हिस्सा था।
हालांकि इस यात्रा की आधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई है, लेकिन अगर यह साकार होती है, तो यह वैश्विक स्तर पर बढ़ते तनाव के बीच हनोई और प्योंगयांग के बीच राजनीतिक संबंधों को मजबूत करने का संकेत दे सकती है। यह यात्रा वियतनाम की जटिल विदेश नीति को भी दर्शाती है, जो एक ओर उत्तर कोरिया के साथ ऐतिहासिक संबंधों को बनाए रखती है, वहीं दूसरी ओर दक्षिण कोरिया जैसे देशों के साथ मजबूत आर्थिक साझेदारी विकसित करती है।