शनिवार को, चीन ने संयुक्त राज्य अमेरिका से सेमीकंडक्टर (चिप) आयात पर दो नई जांच शुरू की, जो दोनों देशों के अधिकारियों के बीच स्पेन के मैड्रिड में होने वाली महत्वपूर्ण वार्ता से ठीक पहले हुई है। यह कदम दोनों देशों के बीच तकनीकी क्षेत्र में बढ़ते तनाव को दर्शाता है।
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने घोषणा की कि ये जांचें अमेरिकी चिप उद्योग के खिलाफ कथित "डंपिंग" और "भेदभाव" प्रथाओं पर केंद्रित हैं। मंत्रालय ने बताया कि एक जांच अमेरिकी एनालॉग इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) चिप्स के आयात पर केंद्रित है, जिसमें कमोडिटी इंटरफ़ेस चिप्स और गेट ड्राइवर चिप्स शामिल हैं। ये चिप्स अक्सर टेक्सास इंस्ट्रूमेंट्स और ऑन सेमीकंडक्टर जैसी अमेरिकी कंपनियों द्वारा निर्मित की जाती हैं। दूसरी जांच अमेरिका द्वारा चीन के चिप उद्योग के प्रति अपनाई गई नीतियों पर केंद्रित है, जिसे बीजिंग अनुचित और दमनकारी मानता है। यह कार्रवाई अमेरिकी सरकार द्वारा शुक्रवार को 23 चीनी कंपनियों को "एंटिटी सूची" में शामिल करने के जवाब में आई है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के आधार पर उन पर प्रतिबंध लगाती है। इनमें से कुछ कंपनियों पर प्रमुख चीनी चिप निर्माता SMIC के लिए चिप निर्माण उपकरण प्राप्त करने का आरोप है।
यह घटनाक्रम मैड्रिड में अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेस्सेंट और चीनी उप प्रधान मंत्री हे Lifeng के बीच होने वाली उच्च-स्तरीय वार्ता के साथ मेल खाता है। ये वार्ताएं व्यापार तनाव को कम करने और टैरिफ़ बढ़ाने की गतिरोध को टालने के प्रयासों का हिस्सा हैं। इससे पहले भी जिनेवा, लंदन और स्टॉकहोम में इसी तरह की बैठकें हो चुकी हैं, जिनमें अक्सर टैरिफ़ बढ़ाने पर 90-दिवसीय रोक लगाई गई थी। अमेरिका का तर्क है कि ये प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं, जबकि चीन का मानना है कि ये उसकी तकनीकी प्रगति को रोकने की एक रणनीति है।
यह स्थिति अमेरिका और चीन के बीच व्यापक भू-राजनीतिक और आर्थिक प्रतिस्पर्धा का एक महत्वपूर्ण पहलू है, विशेष रूप से सेमीकंडक्टर उद्योग में, जो वैश्विक प्रौद्योगिकी और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। अमेरिकी प्रतिबंधों का अमेरिकी चिप कंपनियों पर महत्वपूर्ण वित्तीय प्रभाव पड़ा है, जिससे अरबों डॉलर के राजस्व का नुकसान और नौकरियों पर असर पड़ने की आशंका है। वहीं, इन प्रतिबंधों ने चीन को अपनी घरेलू चिप निर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है। चीन भारी सब्सिडी और निवेश के माध्यम से आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है, और SMIC जैसी कंपनियां कथित तौर पर अमेरिकी उपकरणों के बिना उन्नत 7nm चिप्स का उत्पादन करने में सक्षम हो रही हैं। यह अप्रत्याशित परिणाम हो सकता है कि अमेरिकी प्रतिबंध चीन के घरेलू उद्योग के विकास को और तेज कर दें।
चीन इन अमेरिकी कार्रवाइयों को एकतरफा और दादागिरीपूर्ण बताते हुए कड़ा विरोध कर रहा है और अपनी कंपनियों के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने की बात कह रहा है। यह पूरा परिदृश्य केवल एक व्यापारिक विवाद से कहीं अधिक है; यह राष्ट्रीय रणनीतियों, तकनीकी महत्वाकांक्षाओं और वैश्विक निर्भरता के पुनर्मूल्यांकन का एक जटिल ताना-बाना है। ऐसे कदम, जो तात्कालिक घर्षण पैदा करते हैं, वे नवाचार और नई राहों की खोज के लिए उत्प्रेरक का भी काम कर सकते हैं। तकनीकी प्रगति की खोज एक साझा मानवीय प्रयास है, और वर्तमान परिदृश्य दोनों देशों के लिए अपनी रणनीतियों को परिष्कृत करने, लचीलापन बढ़ाने और प्रतिस्पर्धा के बीच भी विकास के नए रास्ते तलाशने के अवसर प्रस्तुत करता है।