चीन 1 अक्टूबर 2025 से एक नई K वीज़ा नीति शुरू कर रहा है, जिसका उद्देश्य दुनिया भर के युवा विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) पेशेवरों को आकर्षित करना है। यह कदम चीन की नवाचार क्षमता को बढ़ाने और वैश्विक प्रतिभा को आकर्षित करने की एक रणनीतिक पहल है। यह नई K वीज़ा नीति उन युवा विदेशी पेशेवरों के लिए डिज़ाइन की गई है जिनकी आयु 35 वर्ष से कम है और जिनके पास मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों या अनुसंधान संस्थानों से STEM विषयों में कम से कम स्नातक की डिग्री है। इस वीज़ा की सबसे खास बात यह है कि इसके लिए नियोक्ता के प्रायोजन या निमंत्रण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे आवेदन प्रक्रिया काफी सरल हो जाएगी। K वीज़ा धारकों को शिक्षा, अनुसंधान, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और व्यावसायिक उद्यमों सहित विभिन्न गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति देगा। यह वीज़ा 1 से 5 साल तक की अवधि के लिए बहु-प्रवेश की सुविधा प्रदान करेगा, जो इसे मौजूदा वीज़ा प्रकारों की तुलना में अधिक लचीला बनाता है।
चीन द्वारा K वीज़ा की शुरुआत ऐसे समय में हो रही है जब संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपने H-1B वीज़ा कार्यक्रम में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिसमें नई H-1B वीज़ा याचिकाओं के लिए $100,000 का शुल्क शामिल है। इस बदलाव ने कई कुशल पेशेवरों के लिए अमेरिका में काम करना अधिक महंगा और जटिल बना दिया है। इसके विपरीत, चीन का K वीज़ा एक आकर्षक विकल्प प्रस्तुत करता है, जो वैश्विक प्रतिभा के लिए एक सुव्यवस्थित और सुलभ मार्ग प्रदान करता है।
यह कदम चीन की 'टैलेंट पावर स्ट्रेटेजी' का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य नवाचार-संचालित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है। चीन का प्रौद्योगिकी क्षेत्र तेजी से वैश्विक नवाचार में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन रहा है। 2024 में ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में चीन 11वें स्थान पर रहा, जो नवाचार-संचालित अर्थव्यवस्थाओं में इसकी बढ़ती प्रमुखता को दर्शाता है। देश ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), 5G, और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। 2020 में, चीन का अनुसंधान और विकास (R&D) पर खर्च 2.44 ट्रिलियन चीनी युआन ($378 बिलियन) तक पहुंच गया था, जो नवाचार में इसके बढ़ते निवेश को दर्शाता है।
K वीज़ा का उद्देश्य इस नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को और मजबूत करना है, जिससे युवा STEM प्रतिभाओं को चीन के बढ़ते तकनीकी परिदृश्य में योगदान करने के अवसर मिल सकें। यह पहल चीन के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम है, जो इसे वैश्विक प्रतिभा की दौड़ में एक मजबूत दावेदार के रूप में स्थापित करती है। K वीज़ा के माध्यम से, चीन न केवल अपनी वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाना चाहता है, बल्कि दुनिया भर के प्रतिभाशाली व्यक्तियों के लिए विकास और सहयोग के नए अवसर भी खोलना चाहता है। यह उन पेशेवरों के लिए एक आशाजनक मार्ग प्रदान करता है जो एक गतिशील और तेजी से विकसित हो रहे तकनीकी माहौल में अपने करियर को आगे बढ़ाना चाहते हैं।