लगभग छह साल के लंबे अंतराल के बाद, भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें अक्टूबर 2025 के अंत तक फिर से शुरू होने वाली हैं। यह कदम दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे लोगों के बीच संपर्क, व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा। कोविड-19 महामारी और सीमा पर तनाव के कारण 2020 की शुरुआत में इन उड़ानों को निलंबित कर दिया गया था।
इंडिगो एयरलाइंस इस पुनरुद्धार में अग्रणी भूमिका निभाएगी, जो 26 अक्टूबर 2025 से कोलकाता और ग्वांगझू के बीच दैनिक सीधी उड़ानें शुरू करेगी। इसके बाद, एयर इंडिया भी 2025 के अंत तक दिल्ली और शंघाई के बीच अपनी सेवाएं फिर से शुरू करने की उम्मीद है। यह निर्णय दोनों देशों के नागरिक उड्डयन प्राधिकरणों के बीच तकनीकी चर्चाओं और एक संशोधित वायु सेवा समझौते के बाद आया है।
इस पुनरुद्धार से दोनों देशों के बीच व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। ग्वांगझू, जो चीन का एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र है, भारतीय व्यवसायों के लिए चीनी बाजार तक पहुंच को आसान बनाएगा। इसी तरह, भारतीय पर्यटक चीन के ऐतिहासिक स्थलों और आधुनिक आकर्षणों का अनुभव कर सकेंगे। यह कदम न केवल यात्रा को सुगम बनाएगा बल्कि हवाई किराए में भी प्रतिस्पर्धा बढ़ने से कमी आने की संभावना है।
यह निर्णय भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सितंबर 2025 में चीन की यात्रा के बाद आया है, जहाँ उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने और सीमा पर शांति बनाए रखने पर चर्चा की थी। दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देश प्रतिद्वंद्वी नहीं बल्कि विकास भागीदार हैं। विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम दोनों देशों के बीच बढ़ते आर्थिक सहयोग को दर्शाता है। यह कदम वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं के बीच दोनों देशों को करीब लाने का एक प्रयास भी माना जा रहा है।