29 अगस्त, 2025 को, इजराइल के सैन्य बलों ने गाजा सिटी को एक "खतरनाक युद्ध क्षेत्र" के रूप में नामित किया। इस घोषणा के साथ ही, सहायता वितरण के लिए पहले से स्थापित मानवीय विरामों को निलंबित कर दिया गया। यह कदम हमास को निष्क्रिय करने और बंधकों को छुड़ाने के इजराइल के व्यापक सैन्य अभियान का हिस्सा है। इन "सामरिक विरामों" के निलंबन ने गाजा की नागरिक आबादी पर पड़ने वाले मानवीय प्रभाव को लेकर अंतरराष्ट्रीय चिंताएं बढ़ा दी हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि एक पूर्ण पैमाने पर सैन्य आक्रमण गाजा की अस्पताल क्षमता को आधा कर सकता है, जिससे पहले से ही गंभीर स्वास्थ्य संकट और बढ़ जाएगा। यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब हाल ही में एक संयुक्त राष्ट्र समर्थित भुखमरी निगरानीकर्ता ने घोषणा की थी कि गाजा सिटी महीनों की चेतावनियों के बाद भुखमरी की चपेट में है। एकीकृत खाद्य सुरक्षा चरण वर्गीकरण (IPC) के अनुसार, लड़ाई और सहायता पर इजराइल की नाकाबंदी के कारण भुखमरी बढ़ी है, साथ ही बड़े पैमाने पर विस्थापन और खाद्य उत्पादन में गिरावट ने स्थिति को और खराब कर दिया है।
इस घोषणा से पहले, इजराइली सेना ने गाजा सिटी में बमबारी तेज कर दी थी, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम 16 फिलिस्तीनी मारे गए और कई अन्य घायल हुए। इस वृद्धि के कारण बड़े पैमाने पर नागरिक विस्थापन हुआ है, जिसमें निवासी तट की ओर भाग रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (UNRWA) ने स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है, विशेष रूप से गाजा सिटी में बच्चों के बीच गंभीर कुपोषण पर प्रकाश डाला है। UNRWA के आयुक्त-जनरल, फिलिप लाज़रिनी ने आपातकालीन प्रावधानों की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया है। उनके अनुसार, मार्च के बाद से गाजा सिटी में कुपोषण से पीड़ित बच्चों की संख्या में छह गुना वृद्धि हुई है, और यह स्थिति चिंताजनक रूप से बढ़ रही है।
29 अगस्त, 2025 तक, संघर्ष के कारण 62,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें महिलाओं और बच्चों की संख्या काफी अधिक है। अंतरराष्ट्रीय संगठन इस बढ़ती हिंसा को संबोधित करने के लिए तत्काल कार्रवाई का आह्वान कर रहे हैं। यह स्थिति न केवल मानवीय संकट को गहरा कर रही है, बल्कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता की संभावनाओं पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न लगा रही है। इस नाजुक समय में, मानवीय सहायता की निर्बाध पहुंच और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सर्वोपरि है।