पुर्तगाल ने 21 सितंबर, 2025 को फिलिस्तीनी राज्य को औपचारिक रूप से मान्यता देकर एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम उठाया है। यह घोषणा पुर्तगाली विदेश मंत्री पाउलो रंगल ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में की, जिसे न्यायसंगत और स्थायी शांति की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा है। पुर्तगाल का यह कदम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते उस आम सहमति को दर्शाता है जो इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष के समाधान की वकालत कर रहा है।
पुर्तगाल का यह निर्णय जुलाई 2025 में प्रधानमंत्री लुइस मोंटेनेग्रो द्वारा घोषित परामर्श प्रक्रिया का परिणाम है। विदेश मंत्री पाउलो रंगल ने इस निर्णय को पुर्तगाली विदेश नीति की एक मूलभूत, निरंतर और व्यापक रूप से सहमत पंक्ति का साकार रूप बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पुर्तगाल दो-राज्य समाधान को शांति का एकमात्र मार्ग मानता है और तत्काल युद्धविराम का आह्वान किया। रंगल ने हमास के नियंत्रण को समाप्त करने और सभी बंधकों की तत्काल रिहाई की मांग की। उन्होंने गाजा में मानवीय संकट, भुखमरी की स्थिति, विनाश और वेस्ट बैंक में इजरायली बस्तियों के विस्तार की भी निंदा की।
यह मान्यता ऐसे समय में आई है जब यूनाइटेड किंगडम, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने भी फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने की घोषणा की है, जो इस क्षेत्र में एक स्थायी शांति और दो-राज्य समाधान की दिशा में एक समन्वित प्रयास का संकेत देता है। फ्रांस, बेल्जियम, माल्टा और लक्जमबर्ग जैसे देशों ने भी फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने की अपनी मंशा व्यक्त की है, जिससे इस मुद्दे पर एक व्यापक यूरोपीय और अंतरराष्ट्रीय समर्थन का माहौल बन रहा है।
यह कदम 7 अक्टूबर, 2023 को हमास द्वारा किए गए हमलों के बाद आया है, जिसमें लगभग 1200 लोग मारे गए थे और 250 से अधिक बंधक बनाए गए थे। इसके जवाब में, इजरायल ने हमास के खिलाफ युद्ध की घोषणा की, जिसके परिणामस्वरूप गाजा में बड़े पैमाने पर हताहत हुए। इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इन देशों के फैसलों की आलोचना करते हुए इसे आतंकवाद के लिए एक पुरस्कार बताया है और कहा है कि फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना इजरायल के अस्तित्व के लिए खतरा है। वहीं, फिलिस्तीनी अधिकारियों ने इस मान्यता को साहसिक और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप बताया है।