फ्रांस ने माली के साथ अपने आतंकवाद-निरोधक सहयोग को निलंबित कर दिया है और पेरिस में माली के दो राजनयिकों को "अवांछित व्यक्ति" घोषित कर दिया है। यह कदम माली द्वारा एक फ्रांसीसी नागरिक, यान वेज़िलियर को तख्तापलट की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार करने के बाद उठाया गया है। फ्रांस ने इन आरोपों का खंडन किया है, उन्हें "आधारहीन" बताया है और कहा है कि वेज़िलियर बामाको में फ्रांसीसी दूतावास के एक मान्यता प्राप्त सदस्य थे।
यह राजनयिक तनाव दोनों देशों के बीच संबंधों में एक और गिरावट को दर्शाता है, जो 2020 में माली में सैन्य तख्तापलट के बाद से लगातार खराब हो रहे हैं। माली के अधिकारियों का दावा है कि वेज़िलियर फ्रांसीसी खुफिया सेवाओं के लिए काम कर रहे थे और देश को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे थे। इसके जवाब में, माली ने पेरिस में पांच फ्रांसीसी दूतावास कर्मचारियों को "अवांछित व्यक्ति" घोषित कर दिया, हालांकि वे पहले ही देश छोड़ चुके थे।
फ्रांस ने चेतावनी दी है कि यदि उनके नागरिक को तुरंत रिहा नहीं किया गया तो "अन्य उपाय" किए जाएंगे। फ्रांस और माली के बीच संबंध ऐतिहासिक रूप से गहरे रहे हैं, जो औपनिवेशिक काल से चले आ रहे हैं। हालांकि, 2020 में राष्ट्रपति असीमी गोइता के नेतृत्व वाली सैन्य जुंटा के सत्ता में आने के बाद से, माली ने फ्रांस से दूरी बना ली है। माली ने फ्रांसीसी सैनिकों को निष्कासित कर दिया है और अपनी सुरक्षा के लिए रूस से सहायता मांगी है।
जून 2025 में, राष्ट्रपति गोइता ने अपने शासनकाल को पांच साल के लिए बढ़ा दिया, जिससे नागरिक शासन में वापसी के पहले के आश्वासनों का उल्लंघन हुआ। मई 2025 में, सैन्य सरकार ने राजनीतिक दलों को भंग कर दिया था।
यह घटनाक्रम साहेल क्षेत्र में व्यापक भू-राजनीतिक बदलावों का हिस्सा है। माली, बुर्किना फासो और नाइजर जैसे देश, जो कभी फ्रांस के प्रमुख सहयोगी थे, अब रूस के साथ अपने सुरक्षा संबंधों को मजबूत कर रहे हैं। रूस ने माली को सैन्य सहायता प्रदान की है, जिसमें वैगनर समूह (अब अफ्रीका कोर) के सैनिक शामिल हैं, जो आतंकवाद से लड़ने और सेना की प्रभावशीलता बढ़ाने में मदद कर रहे हैं।
हालांकि, इन सुरक्षा साझेदारियों की प्रभावशीलता और लागत पर सवाल उठाए गए हैं, क्योंकि माली को पश्चिमी देशों से वित्तीय सहायता बंद होने के कारण बजट की कमी का सामना करना पड़ रहा है। फ्रांस के लिए, यह स्थिति साहेल क्षेत्र में उसके प्रभाव में कमी और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण झटका दर्शाती है। माली का रूस की ओर झुकाव और फ्रांस के प्रति बढ़ता मोहभंग, क्षेत्र में शक्ति संतुलन में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है। यह घटनाक्रम इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे ऐतिहासिक संबंध और वर्तमान सुरक्षा चुनौतियाँ देशों की विदेश नीति को आकार देती हैं, जिससे नए गठबंधन और तनाव पैदा होते हैं।