फ्रांस में यूनियनों ने 2 अक्टूबर, 2025 को एक बार फिर सरकार की मितव्ययिता नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया है। यह प्रदर्शन 2026 के बजट प्रस्तावों को प्रभावित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। पिछले सितंबर 18 के प्रदर्शनों की तुलना में इस बार कम व्यवधान की उम्मीद है। विभिन्न यूनियनों, जिनमें UNSA, CFDT, CGT, FO, CFE-CGC, CFTC, Solidaires, और FSU शामिल हैं, ने शिक्षा और परिवहन जैसे क्षेत्रों में हड़ताल का आह्वान किया है।
इन यूनियनों की मुख्य मांगों में सार्वजनिक सेवाओं के लिए पर्याप्त बजट आवंटन, अनिश्चित काम को कम करने के लिए नीतियां, पर्यावरण के अनुकूल परिवर्तन के लिए निवेश, फ्रांस का पुन: औद्योगिकीकरण, और नौकरियों के नुकसान से सुरक्षा शामिल है। वे अमीरों पर अधिक कर लगाने और सार्वजनिक सहायता के लिए सामाजिक और पर्यावरणीय शर्तों को लागू करने की भी मांग कर रहे हैं। पिछले सितंबर 18 के विरोध प्रदर्शनों में लाखों की संख्या में श्रमिकों और छात्रों ने भाग लिया था, जिससे पेरिस मेट्रो सेवाओं में भारी कटौती हुई थी।
हालांकि, 2 अक्टूबर के प्रदर्शनों से हवाई यातायात में सीमित व्यवधान की उम्मीद है, जिसमें केवल पेरिस ब्यूवे हवाई अड्डे पर उड़ानों की संख्या कम होने की संभावना है। हाई-स्पीड ट्रेनें और पेरिस मेट्रो सामान्य रूप से चलने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री , जिन्होंने हाल ही में पदभार संभाला है, को इस बजट को लेकर यूनियनों और विपक्षी दलों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
सरकार का तर्क है कि सार्वजनिक ऋण को नियंत्रित करने के लिए मितव्ययिता उपाय आवश्यक हैं, जो । फ्रांस का सार्वजनिक ऋण 3.4 ट्रिलियन यूरो (जीडीपी का 115.6%) तक पहुंच गया है। 2026 के अंत तक सार्वजनिक घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.7% तक लाने का लक्ष्य है, और 2029 तक इसे 3% तक लाने की योजना है। यह विरोध प्रदर्शन फ्रांस की वर्तमान राजनीतिक और आर्थिक स्थिति को दर्शाता है, जहां सरकार मितव्ययिता उपायों को लागू करने का प्रयास कर रही है, वहीं यूनियनों और जनता का एक बड़ा वर्ग इन नीतियों का विरोध कर रहा है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या ये विरोध प्रदर्शन 2026 के बजट को प्रभावित करने में सफल होते हैं या नहीं।