काठमांडू: नेपाल ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए सुशीला कार्की को अपना नया अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। यह पहली बार है जब किसी महिला ने देश के सर्वोच्च पद को संभाला है, जो राजनीतिक स्थिरता लाने की उम्मीद जगाता है। कार्की ने 12 सितंबर, 2025 को पदभार ग्रहण किया।
सुशीला कार्की, जो नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं, का जन्म 1952 में हुआ था। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री और त्रिभुवन विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की है। न्यायिक क्षेत्र में उनके कार्यकाल के दौरान, विशेष रूप से मुख्य न्यायाधीश के रूप में (2016-2017), उन्हें भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी दृढ़ता के लिए जाना जाता था।
हाल के हफ्तों में, नेपाल ने व्यापक विरोध प्रदर्शनों का अनुभव किया, जो भ्रष्टाचार और शासन के मुद्दों के कारण भड़के थे। इन प्रदर्शनों में 51 से अधिक लोगों की जान गई और 1,300 से अधिक घायल हुए। इन घटनाओं के कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा।
इन प्रदर्शनों के बाद, राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने संसद भंग कर दी और 5 मार्च, 2026 को नए चुनावों की घोषणा की। कार्की के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार का मुख्य कार्य देश में व्यवस्था बहाल करना और आगामी चुनावों की तैयारी करना है।
युवा समूह, जिन्हें 'जेन-जी' के नाम से जाना जाता है, ने कार्की की नियुक्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और एक भ्रष्टाचार-मुक्त प्रणाली की स्थापना की उम्मीद जताई है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने भी कार्की की नियुक्ति का स्वागत किया है, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने इसे लड़कियों और महिलाओं के लिए प्रेरणादायक बताया है। भारत ने भी नेपाल की शांति, प्रगति और समृद्धि के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।
सुशीला कार्की का नेतृत्व नेपाल के लिए एक नई आशा लेकर आया है। उनका अनुभव और भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति देश को स्थिरता और विकास की राह पर ले जाने में सहायक सिद्ध हो सकती है। आगामी चुनाव यह निर्धारित करेंगे कि क्या यह नया नेतृत्व देश की आकांक्षाओं को पूरा कर पाता है और एक मजबूत, स्थिर नेपाल का निर्माण करता है।