नासा का वॉयेजर 2 अंतरिक्ष यान, जो 20 अगस्त, 1977 को लॉन्च हुआ था, आज भी अपनी 48वीं वर्षगांठ पर ब्रह्मांड के रहस्यों को उजागर कर रहा है। यह यान सौर मंडल के चार विशाल ग्रहों - बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून - का दौरा करने वाला एकमात्र मानव-निर्मित यान है। वर्तमान में यह पृथ्वी से लगभग 13 अरब मील (20.9 अरब किलोमीटर) से अधिक दूर, अंतरतारकीय अंतरिक्ष में अपनी यात्रा जारी रखे हुए है।
अपनी शक्ति के घटते स्रोत को देखते हुए, नासा के इंजीनियरों ने यान के परिचालन जीवन को बढ़ाने के लिए कुछ उपकरणों को निष्क्रिय करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस ऊर्जा संरक्षण रणनीति के तहत, 1 अक्टूबर, 2024 को प्लाज्मा विज्ञान उपकरण (Plasma Science Instrument) को बंद कर दिया गया, और 24 मार्च, 2025 को निम्न-ऊर्जा आवेशित कण उपकरण (Low-Energy Charged Particle Instrument) को भी निष्क्रिय कर दिया गया। इन कदमों का उद्देश्य वॉयेजर 2 के मिशन को 2030 के दशक तक जारी रखना है।
इन महत्वपूर्ण समायोजनों के बावजूद, तीन प्रमुख उपकरण अभी भी सक्रिय हैं: मैग्नेटोमीटर (Magnetometer), प्लाज्मा तरंग उप-प्रणाली (Plasma Wave Subsystem), और पराबैंगनी स्पेक्ट्रोमीटर (Ultraviolet Spectrometer)। ये उपकरण अंतरतारकीय माध्यम (interstellar medium) के बारे में बहुमूल्य डेटा प्रदान करना जारी रखे हुए हैं, जिससे ब्रह्मांड की हमारी समझ गहरी हो रही है।
वॉयेजर 2 द्वारा भेजे गए डेटा ने वैज्ञानिक समुदाय को कई महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान की हैं। हाल ही में, जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope) ने नेपच्यून के वायुमंडल में होने वाले अरोरा (auroras) की विस्तृत छवियां भेजी हैं, जो वॉयेजर 2 द्वारा 1989 में पहली बार देखे गए ऐसे ही परिघटनाओं की पुष्टि करती हैं। इन नई अवलोकनों से पता चलता है कि नेपच्यून के ऊपरी वायुमंडल का तापमान वॉयेजर 2 के अवलोकन के बाद से कई सौ डिग्री तक गिर गया है, जो इन अरोरा की पहले की अस्पष्टता का कारण हो सकता है। यह तुलना दर्शाती है कि कैसे नई प्रौद्योगिकियां पिछली खोजों पर आधारित होकर हमारी समझ को और विस्तृत करती हैं।
वॉयेजर 2 की यात्रा मानव की जिज्ञासा और इंजीनियरिंग की असाधारण क्षमता का प्रतीक है। यह यान, जो अब पृथ्वी से लगभग 139.9 खगोलीय इकाई (AU) दूर है और लगभग 34,390 मील प्रति घंटे (लगभग 55,360 किमी प्रति घंटा) की गति से यात्रा कर रहा है, हमें उस अज्ञात क्षेत्र के बारे में अद्वितीय दृष्टिकोण प्रदान कर रहा है जहाँ पहले कोई मानव-निर्मित वस्तु नहीं पहुंची है। नासा का इस यान के साथ संचार बनाए रखने का निरंतर प्रयास इस अन्वेषण के स्थायी मूल्य को रेखांकित करता है, जो हमें ब्रह्मांड के बारे में निरंतर सीखने और विकसित होने के लिए प्रेरित करता है।