26 जून, 2025 को, चीन के शेनझोउ XX अंतरिक्ष यान के दल ने सफलतापूर्वक अपना दूसरा स्पेसवॉक मिशन पूरा किया। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि मानव अंतरिक्ष उड़ान में चीन की प्रगति को रेखांकित करती है। स्पेसवॉक कमांडर चेन गाओगाओ और अंतरिक्ष यात्री चेन झोंगजू ने संयुक्त रूप से यह कार्य किया। उन्होंने तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन के कोर मॉड्यूल के बाहर सुरक्षात्मक उपकरण स्थापित किए और बाहरी उपकरणों का निरीक्षण और रखरखाव किया। यह मिशन लगभग 8 घंटे तक चला, और अंतरिक्ष यात्री बीजिंग समय के अनुसार सुबह 1:35 बजे तियांगोंग कोर मॉड्यूल में सुरक्षित लौट आए।
यह चीनी अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा की गई 22वीं स्पेसवॉक थी और तीसरी पीढ़ी के अंतरिक्ष यात्रियों से बनी टीम द्वारा पूरी की गई पहली स्पेसवॉक थी। इस स्पेसवॉक से पहले, शेनझोउ XX दल पांच महीने से अधिक समय से तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन पर तैनात था। इस अवधि के दौरान, उन्होंने कई वैज्ञानिक प्रयोग और तकनीकी कार्य सफलतापूर्वक किए। पृथ्वी पर उनकी वापसी की योजना अगले महीने के लिए थी। तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन पृथ्वी की परिक्रमा लगभग 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर करता है।
तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन में एक कोर मॉड्यूल और दो प्रायोगिक मॉड्यूल शामिल हैं, जो नियमित रूप से मानवयुक्त और कार्गो अंतरिक्ष यान प्राप्त करते हैं। चीन के स्वतंत्र रूप से संचालित अंतरिक्ष स्टेशन के रूप में, तियांगोंग को कम से कम एक दशक तक राष्ट्रीय वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान के केंद्र के रूप में काम करने की उम्मीद है। इस मिशन की सफल समाप्ति ने मानव अंतरिक्ष उड़ान के क्षेत्र में चीन की निरंतर प्रगति और उसके अंतरिक्ष यात्रियों की असाधारण क्षमताओं का प्रदर्शन किया।
यह मिशन चीन के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भविष्य में और अधिक महत्वाकांक्षी मिशनों के लिए मार्ग प्रशस्त करता है। चीन की तीसरी पीढ़ी के अंतरिक्ष यात्री, जो इस मिशन का हिस्सा थे, वे देश के अंतरिक्ष अन्वेषण के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने न केवल स्पेसवॉक के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, बल्कि तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन पर अपने लंबे प्रवास के दौरान विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों और तकनीकी कार्यों को भी सफलतापूर्वक पूरा किया। यह मिशन चीन की अंतरिक्ष में बढ़ती क्षमताओं और वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उसकी स्थिति को दर्शाता है। चीन का अंतरिक्ष कार्यक्रम 2030 तक चंद्रमा पर मानवयुक्त मिशन सहित भविष्य के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों की ओर भी देख रहा है।