चीन के शिजन-21 और शिजन-25 अंतरिक्ष यान ने भू-स्थिर कक्षा (GEO) में निकट-समीप संचालन किया है, जो पृथ्वी से लगभग 35,786 किलोमीटर ऊपर है। यह गतिविधि एक अनुमानित ऑन-ऑर्बिट रीफ्यूलिंग परीक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में एक महत्वपूर्ण प्रगति है।
स्विस अंतरिक्ष निगरानी कंपनी S2a सिस्टम्स द्वारा देखी गई इन युद्धाभ्यासों में अंतरिक्ष यान को निकटता से संचालित होते हुए दिखाया गया। जनवरी 2025 में लॉन्च किया गया शिजन-25, ऑन-ऑर्बिट रीफ्यूलिंग और मिशन विस्तार तकनीकों का परीक्षण करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। अक्टूबर 2021 में लॉन्च किया गया शिजन-21, पहले एक निष्क्रिय उपग्रह को स्थानांतरित कर चुका है।
हालिया संचालन दोनों उपग्रहों के बीच दूसरी बार मिलने और निकटता गतिविधियों का प्रतीक है। स्पेस सिचुएशनल अवेयरनेस (SSA) सॉफ्टवेयर कंपनी Comspoc के अनुसार, 13 जून, 2025 को उपग्रह एक-दूसरे के एक किलोमीटर के भीतर आ गए, जिससे संभावित डॉकिंग हो सकती है। मिशन का उद्देश्य पहले से ही कक्षा में मौजूद उपग्रहों के परिचालन जीवनकाल को बनाए रखने और बढ़ाने की क्षमताओं का प्रदर्शन करना है।
शंघाई एकेडमी ऑफ स्पेसफ्लाइट टेक्नोलॉजी (SAST) ने शिजन-21 और शिजन-25 दोनों को विकसित किया। लक्ष्य उपग्रह ईंधन पुनःपूर्ति और जीवन विस्तार सेवा प्रौद्योगिकी को सत्यापित करना है। यह तकनीक लागत को कम कर सकती है, अंतरिक्ष संचालन में स्थिरता में सुधार कर सकती है और अंतरिक्ष मलबे को कम कर सकती है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी भी ऑन-ऑर्बिट रीफ्यूलिंग क्षमताओं के विकास में शामिल है।