अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति हो रही है, जिसमें सौर विकिरण का उपयोग करने वाले टॉर्क्ड एक्सेलेरेटर (TARS) जैसी नवीन अवधारणाएँ और आगामी इंटरस्टेलर मैपिंग एंड एक्सेलेरेशन प्रोब (IMAP) मिशन शामिल हैं। ये प्रयास हमें सौर मंडल से परे ब्रह्मांड को समझने के नए रास्ते दिखा रहे हैं।
जुलाई 2025 में, कोलंबिया विश्वविद्यालय के डेविड किपिंग और कैथरीन लैम्पो ने TARS का परिचय दिया। यह एक सैद्धांतिक अवधारणा है जो सौर ऊर्जा का उपयोग करके सूक्ष्म-जांचों को हमारे सौर मंडल से बाहर भेजने का प्रस्ताव करती है। इस डिज़ाइन में एक पतली डोरी से जुड़े दो पतले, परावर्तक पैडल शामिल हैं, जो सूर्य के चारों ओर एक उप-केप्लरियन कक्षा में घूमते हैं। इस विधि का लक्ष्य एक छोटे अंतरिक्ष यान को उच्च वेग से छोड़ना है, जो संभावित रूप से एक वर्ष के भीतर अंतरतारकीय गति प्राप्त कर सकता है। TARS अवधारणा कार्बन नैनोट्यूब शीट जैसी व्यावसायिक रूप से उपलब्ध सामग्री का उपयोग करती है और बेहतर तन्यता ताकत के लिए ग्राफीन के उपयोग की भी पड़ताल करती है। हालांकि यह अभी भी एक सैद्धांतिक प्रस्ताव है, TARS भविष्य के अंतरतारकीय मिशनों के लिए एक आशाजनक मार्ग का प्रतिनिधित्व करता है। यह तकनीक सूर्य के प्रकाश को घूर्णी गतिज ऊर्जा के रूप में संग्रहीत करती है, जिसे बाद में सूक्ष्म-जांच को सौर मंडल से बाहर धकेलने के लिए छोड़ा जाता है।
दूसरी ओर, नासा का IMAP मिशन, जो सितंबर 2025 में लॉन्च होने वाला है, हमारे सौर मंडल के चारों ओर की हेलिओस्फीयर का अध्ययन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। हेलिओस्फीयर सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र और सौर हवा द्वारा निर्मित एक सुरक्षात्मक बुलबुला है। IMAP अंतरिक्ष यान अंतरतारकीय अंतरिक्ष के किनारों से पृथ्वी की ओर आने वाले कणों का मानचित्रण करेगा। यह डेटा सौर हवा, ऊर्जावान कणों और ब्रह्मांडीय किरणों में अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा। मिशन से अंतरिक्ष मौसम और प्रौद्योगिकी तथा मानव स्वास्थ्य पर इसके प्रभावों की हमारी समझ में सुधार होने की उम्मीद है। IMAP मिशन हेलिओस्फीयर की सीमाओं का अध्ययन करेगा और सौर हवा तथा स्थानीय अंतरतारकीय माध्यम के बीच की परस्पर क्रिया को समझेगा। यह मिशन सौर मंडल के बाहर से आने वाले कणों के संदेशों को समझने में मदद करेगा।
सितंबर 2025 में, साउथवेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट (SwRI) ने एक अंतरतारकीय धूमकेतु, जैसे 3I/ATLAS, के फ्लाईबाई मिशन की व्यवहार्यता पर एक अध्ययन पूरा किया। इस तरह के मुठभेड़ से हमारे सौर मंडल के बाहर के पिंडों में अभूतपूर्व अंतर्दृष्टि मिल सकती है। SwRI के अध्ययन से पता चला है कि अंतरतारकीय धूमकेतुओं को रोकना और उनका अवलोकन करना संभव है। यह क्षमता अन्य तारा प्रणालियों में ठोस पिंडों के निर्माण की प्रक्रियाओं की हमारी समझ को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा सकती है। यह अध्ययन इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे अंतरतारकीय वस्तुएं, जैसे कि 3I/ATLAS, जो जुलाई 2025 में खोजी गई थी, हमारे सौर मंडल से होकर गुजरती हैं, और भविष्य में ऐसी वस्तुओं का अध्ययन करने के लिए मिशन की योजना बनाई जा रही है। यह ध्यान देने योग्य है कि 3I/ATLAS, 1I/'Oumuamua (2017) और 2I/Borisov (2019) के बाद तीसरा ज्ञात अंतरतारकीय पिंड है। ये सामूहिक प्रगति अंतरतारकीय अन्वेषण में बढ़ती रुचि और प्रगति को रेखांकित करती है। सैद्धांतिक अवधारणाओं और आगामी मिशनों दोनों से हम अपने सौर मंडल से परे ब्रह्मांड को समझने के अपने प्रयासों में योगदान दे रहे हैं।