कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन डिएगो (UC San Diego) के वैज्ञानिकों ने फ्यूजन प्रयोगों में इस्तेमाल होने वाले हीरे के कैप्सूल में संरचनात्मक खामियों का पता लगाया है। ये कैप्सूल नेशनल इग्निशन फैसिलिटी (NIF) में उच्च-ऊर्जा फ्यूजन प्रतिक्रियाओं के लिए ईंधन को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह शोध फ्यूजन ऊर्जा के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो स्वच्छ और लगभग असीमित ऊर्जा स्रोत प्रदान कर सकता है।
नेशनल इग्निशन फैसिलिटी (NIF) में, शक्तिशाली लेजर का उपयोग करके हीरे के कैप्सूल को संपीड़ित किया जाता है, जिनमें ड्यूटेरियम और ट्रिटियम जैसे हाइड्रोजन समस्थानिक भरे होते हैं। इस प्रक्रिया का लक्ष्य अत्यधिक दबाव और तापमान उत्पन्न करना है जो परमाणु संलयन (फ्यूजन) को ट्रिगर कर सके। सफल फ्यूजन के लिए, यह संपीड़न (implosion) अत्यंत सममित (symmetrical) होना चाहिए ताकि अधिकतम ऊर्जा उत्पादन हो सके।
हालांकि, शोधकर्ताओं ने पाया है कि अत्यधिक दबाव और गर्मी के तहत, हीरे में सूक्ष्म दोष विकसित हो सकते हैं। ये दोष, जो मामूली क्रिस्टल विकृतियों से लेकर पूर्ण अव्यवस्था (amorphization) तक हो सकते हैं, संपीड़न की समरूपता को बाधित कर सकते हैं। इस असंतुलन के कारण फ्यूजन प्रतिक्रिया से अपेक्षित ऊर्जा उत्पादन कम हो सकता है या इग्निशन (ignition) प्राप्त करना असंभव हो सकता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि लगभग 69 गीगापास्कल (GPa) पर हीरे में केवल लोचदार विरूपण (elastic deformation) होता है, लेकिन 115 GPa के दबाव पर खामियां और दोष उत्पन्न हो जाते हैं। यह समझ इन कैप्सूलों के डिजाइन को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।
फ्यूजन ऊर्जा को पृथ्वी पर सूर्य की शक्ति को दोहराने के प्रयास के रूप में देखा जाता है, जो जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने और जलवायु परिवर्तन से निपटने का एक स्थायी समाधान प्रदान कर सकती है। इस क्षेत्र में प्रगति, जैसे कि NIF में रिकॉर्ड-ऊर्जा वाले शॉट प्राप्त करना, इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। हालांकि, इन प्रयोगों की सफलता के लिए आवश्यक सटीक स्थितियों को बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है।
UC San Diego के प्रोफेसर बोया ली और मार्क मेयर्स के नेतृत्व में किए गए इस अध्ययन से हीरे के अमोर्फाइजेशन (amorphization) की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्राप्त हुई है। यह ज्ञान फ्यूजन प्रयोगों के लिए अधिक मजबूत और विश्वसनीय हीरे के कैप्सूल डिजाइन करने में मदद करेगा। इन खामियों को समझने और उन्हें दूर करने से फ्यूजन ऊर्जा के विकास में तेजी आ सकती है, जिससे यह स्वच्छ ऊर्जा का एक व्यवहार्य स्रोत बन सके। यह शोध ऊर्जा विभाग और राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा प्रशासन (National Nuclear Security Administration) द्वारा समर्थित था।