आर्मेनिया ने अपनी एकमात्र परमाणु ऊर्जा संयंत्र, मेट्सामोर परमाणु ऊर्जा संयंत्र (ANPP) के परिचालन जीवन को 2036 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। यह कदम देश की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने और नई ऊर्जा क्षमताओं की ओर संक्रमण के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस विस्तार के लिए लगभग 65 मिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश के साथ महत्वपूर्ण आधुनिकीकरण और उन्नयन कार्य किए गए हैं। यह विस्तार रूस की रोसाटॉम स्टेट कॉर्पोरेशन के साथ साझेदारी में किया जा रहा है, जो इस परियोजना में एक प्रमुख भागीदार है। मेट्सामोर संयंत्र, जो येरेवन के पास स्थित है, वर्तमान में आर्मेनिया की लगभग 30-40% बिजली का उत्पादन करता है।
संयंत्र के दूसरे रिएक्टर का जीवनकाल, 2026 तक बढ़ाया गया था, और अब इसे 2036 तक बढ़ाने की योजना है। इस आधुनिकीकरण में उपकरण और बुनियादी ढांचे में सुधार शामिल हैं ताकि सुरक्षा और दक्षता को बढ़ाया जा सके। आधुनिकीकरण और जीवन विस्तार परियोजना को रोसाटॉम के साथ एक विश्वसनीय और उत्पादक साझेदारी का परिणाम बताया गया है।
भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए, आर्मेनिया एक नई परमाणु ऊर्जा इकाई के निर्माण पर भी विचार कर रहा है। इस नई इकाई की क्षमता 1,000 से 1,200 मेगावाट होने की उम्मीद है। सरकार इस परियोजना के लिए सबसे उपयुक्त प्रस्ताव की पहचान करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, चीन और दक्षिण कोरिया सहित अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ चर्चा कर रही है। प्रधानमंत्री निकोल पशिनियन ने जोर देकर कहा है कि निर्णय पूरी तरह से व्यावसायिक शर्तों पर आधारित होंगे, जिसमें सबसे अच्छी कीमत, सबसे सुरक्षित तकनीक और सबसे छोटी निवेश वापसी अवधि को प्राथमिकता दी जाएगी, और इसमें कोई भू-राजनीतिक विचार शामिल नहीं होंगे।
यह निर्णय आर्मेनिया की ऊर्जा रणनीति में परमाणु ऊर्जा के निरंतर महत्व को रेखांकित करता है। देश अपनी ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए परमाणु ऊर्जा को एक विश्वसनीय और टिकाऊ स्रोत के रूप में देखता है। आधुनिकीकरण और संभावित नई इकाई का निर्माण आर्मेनिया की ऊर्जा स्वतंत्रता और आर्थिक विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) द्वारा नियमित निरीक्षणों से इसकी पुष्टि होती है।