दक्षिण अमेरिका का ऊर्जा परिदृश्य एक महत्वपूर्ण बदलाव के दौर से गुज़र रहा है, जहाँ स्वच्छ ऊर्जा में निवेश तेज़ी से बढ़ रहा है। वर्ष 2025 में, इस क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश लगभग 25% की वृद्धि के साथ 70 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया है। यह आंकड़ा इस बात का प्रमाण है कि यह महाद्वीप अब वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा क्रांति में एक प्रमुख शक्ति बनने की ओर अग्रसर है।
यह प्रगति केवल आकस्मिक नहीं है, बल्कि यह सहायक नीतियों और एक मज़बूत क्षेत्रीय प्रतिबद्धता का परिणाम है जो टिकाऊ विकास को प्राथमिकता देती है। ब्राज़ील ने इस गति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, विशेष रूप से 2024 में 'फ्यूचर फ्यूल लॉ' (Future Fuel Law) लागू होने के बाद, जिसने छोटे पैमाने के सौर फोटोवोल्टिक (PV) और जैव ऊर्जा परियोजनाओं को प्रोत्साहित किया है। चिली, कोलंबिया और कोस्टा रिका जैसे देश भी इस निवेश वृद्धि में सबसे आगे रहे हैं। यह प्रवृत्ति दर्शाती है कि क्षेत्र अब जीवाश्म ईंधन पर अपनी पारंपरिक निर्भरता को कम करने के लिए सचेत रूप से आगे बढ़ रहा है, जो ऊर्जा स्वतंत्रता और पर्यावरणीय स्वास्थ्य दोनों के लिए एक सकारात्मक कदम है।
हालांकि यह विकास उत्साहजनक है, यह एक ऐसे मार्ग को भी उजागर करता है जहाँ चुनौतियों का समाधान आवश्यक है। चरम मौसम की घटनाओं के कारण बुनियादी ढांचे पर पड़ने वाले दबाव ने ऊर्जा भंडारण और ग्रिड प्रणालियों के उन्नयन की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया है। यह विकास एक अवसर है कि क्षेत्र अपनी प्रणालियों को और अधिक मज़बूत बनाए, ताकि ऊर्जा की आपूर्ति विश्वसनीय और लचीली बनी रहे। यह आवश्यक है कि निवेश केवल उत्पादन क्षमता तक ही सीमित न रहे, बल्कि उसे वितरण और भंडारण के महत्वपूर्ण पहलुओं तक भी पहुँचाया जाए।
आंकड़े बताते हैं कि यह बदलाव स्थायी होने वाला है। अनुमान है कि 2034 तक, दक्षिण अमेरिका में अकेले सौर पीवी क्षमता में 160 गीगावाट (GW) की वृद्धि होगी। इस विस्तार में, ब्राज़ील और चिली अकेले ही कुल क्षेत्रीय सौर पीवी स्थापनाओं का 78% हिस्सा संभालेंगे। यह क्षेत्रीय सहयोग और एकीकृत ऊर्जा प्रणालियों के महत्व को दर्शाता है, जहाँ एक देश की प्रगति दूसरे के लिए आधार तैयार करती है। यह स्थिति इस बात का संकेत है कि जब सामूहिक चेतना एक साझा लक्ष्य की ओर उन्मुख होती है, तो भौतिक परिणाम तेज़ी से प्रकट होते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी (IRENA) के अनुसार, इस संक्रमण को गति देने से 2023 और 2050 के बीच सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि में अतिरिक्त 1.1% की वृद्धि हो सकती है और ऊर्जा क्षेत्र में 12 मिलियन से अधिक नौकरियाँ पैदा हो सकती हैं। यह दर्शाता है कि ऊर्जा क्षेत्र में किया गया हर निवेश केवल तकनीकी उन्नति नहीं है, बल्कि यह व्यापक सामाजिक और आर्थिक उत्थान का माध्यम भी है। यह समय है कि सभी हितधारक मिलकर काम करें, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह हरित औद्योगिक क्रांति सभी के लिए समृद्धि लाए।
