चेरी की राइनो एस सॉलिड-स्टेट बैटरी: 808 मील रेंज का लक्ष्य, 2027 में उत्पादन लॉन्च

द्वारा संपादित: gaya ❤️ one

चेरी (Chery) ने इलेक्ट्रिक वाहन (EV) उद्योग के परिदृश्य को पूरी तरह से बदलने की क्षमता रखने वाली अपनी युगांतकारी राइनो एस (Rhino S) ऑल-सॉलिड-स्टेट बैटरी तकनीक का अनावरण किया है। यह घोषणा 2025 ग्लोबल इनोवेशन कॉन्फ्रेंस में की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं के बीच व्याप्त रेंज की चिंता (range anxiety) को जड़ से खत्म करना है। इस नई तकनीक की ऊर्जा घनत्व (energy density) असाधारण रूप से 600 वॉट-घंटे प्रति किलोग्राम (Wh/kg) है, जो इसे वर्तमान बैटरी प्रौद्योगिकियों से काफी आगे रखती है।

इस प्रभावशाली मीट्रिक का सीधा अर्थ यह है कि राइनो एस से लैस इलेक्ट्रिक वाहन एक बार पूरी तरह चार्ज होने पर 1,300 किलोमीटर, यानी लगभग 808 मील तक की लंबी दूरी तय करने में सक्षम हो सकते हैं। यह उपलब्धि चेरी को अगली पीढ़ी के ऊर्जा स्रोतों के विकास के लिए निर्धारित वर्तमान उद्योग रोडमैप से संभावित रूप से कहीं आगे खड़ा करती है, जिससे कंपनी को बाजार में एक बड़ा प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिल सकता है।

राइनो एस की तकनीकी नींव एक इन-सीटू पॉलीमराइज़्ड सॉलिड इलेक्ट्रोलाइट सिस्टम पर आधारित है, जिसे चार्ज वाहक प्रवाह (charge carrier flow) को अधिकतम करने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है। यह उन्नत प्रणाली लिथियम-समृद्ध मैंगनीज कैथोड के साथ मिलकर काम करती है। इस संयोजन के कारण आयन चालकता (ion conductivity) में उल्लेखनीय सुधार होता है और आयन स्थानांतरण का समय कम हो जाता है, जो इतनी उच्च ऊर्जा घनत्व प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण कारक हैं। इसके अतिरिक्त, सॉलिड-स्टेट डिज़ाइन पारंपरिक ज्वलनशील तरल इलेक्ट्रोलाइट्स की जगह लेता है, जिससे थर्मल स्थिरता और सुरक्षा में भारी सुधार होता है। कंपनी के अनुसार, परीक्षणों से पता चला है कि यांत्रिक क्षति के बाद भी इसमें आग लगने या ज़्यादा गरम होने की कोई घटना नहीं होती है।

चेरी ने इस नवाचार को प्रयोगशाला की सफलता से उपभोक्ता अनुप्रयोग तक तेजी से ले जाने के लिए एक स्पष्ट समयरेखा निर्धारित की है। कंपनी की योजना है कि 2026 में छोटे पैमाने पर सत्यापन परीक्षण (validation trials) शुरू किए जाएंगे। उनका अंतिम लक्ष्य राइनो एस तकनीक को 2027 तक बड़े पैमाने पर उत्पादन और वाहनों में एकीकृत करना है। यह महत्वाकांक्षी और तेज़ कार्यक्रम सीधे तौर पर बैटरी क्षेत्र के स्थापित दिग्गजों, जैसे कि सीएटीएल (CATL) और बीवाईडी (BYD), को कड़ी चुनौती देता है।

कंपनी ने खुद को मुख्य रूप से एक "बैटरी उपयोगकर्ता" से "बैटरी निर्धारक" (battery definer) के रूप में विकसित करने की अपनी महत्वाकांक्षा की घोषणा की है। यह इरादा दर्शाता है कि चेरी केवल वाहन असेंबली पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, कोर बैटरी तकनीक में एक प्रमुख शक्ति बनना चाहती है। हालांकि संभावित रेंज में वृद्धि काफी महत्वपूर्ण है, उद्योग विश्लेषकों का मानना है कि उत्पादन लागत अभी भी एक बड़ी बाधा बनी हुई है, क्योंकि सॉलिड-स्टेट बैटरियों का निर्माण मौजूदा लिथियम-आयन समकक्षों की तुलना में काफी महंगा है। फिर भी, यदि राइनो एस की 600 Wh/kg घनत्व वाली तकनीक सफलतापूर्वक औद्योगिक स्तर पर लागू हो जाती है, तो यह चेरी को अगली पीढ़ी की ईवी शक्ति की दौड़ में सबसे आगे लाकर खड़ा कर देगी और ईवी बाजार में क्रांति ला सकती है।

स्रोतों

  • Notebookcheck

  • Shanghai Metals Market

  • NotebookCheck

  • ArenaEV

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