सौर ऊर्जा और स्वदेशी खाद से मालावी की खेती में नया सवेरा

द्वारा संपादित: Olga Samsonova

मालावी के कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन देखा जा रहा है, जहाँ स्थानीय स्तर पर किए गए नवाचार और तकनीकी अनुकूलन सूखे जैसी गंभीर चुनौतियों का सामना करने के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर रहे हैं। जो कृषि प्रयास पहले पूरी तरह से वर्षा पर निर्भर थे, वे अब आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे देश की खाद्य सुरक्षा की नींव मजबूत हो रही है।

ज़ोम्बा जिले में, सौर ऊर्जा से संचालित सिंचाई प्रणालियों की स्थापना ने किसानों के लिए वर्ष भर फसल उगाना संभव बना दिया है। ये प्रणालियाँ सूर्य की ऊर्जा का उपयोग करके पानी को ऊँचे भंडारण टैंकों तक पहुँचाती हैं, जिन्हें चक्रवातों की पुनरावृत्ति के बावजूद टिकाऊ बने रहने के लिए डिज़ाइन किया गया है। जीवाश्म ईंधन के विकल्पों की तुलना में लंबी अवधि में अधिक किफायती यह तकनीक सिंचाई में लगने वाले समय और शारीरिक श्रम को काफी कम करती है, जिससे किसान अपना ध्यान अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियों पर केंद्रित कर पाते हैं। कुछ क्षेत्रों में, इन प्रणालियों को स्थापित करने वाले समूहों ने सहकारी समितियाँ बनाई हैं, जो संयुक्त रूप से संचालन करती हैं और लाभ सुनिश्चित करने के लिए बाजार में प्रवेश के बारे में सामूहिक निर्णय लेती हैं, जिससे दीर्घकालिक सफलता मिलती है।

इसके समानांतर, डोवा जिले में, किसानों ने 'म्बेया' नामक कम लागत वाली, घर पर तैयार की गई खाद को अपनाया है। यह जैविक समाधान रुक-रुक कर होने वाली वर्षा के दौरान मिट्टी की नमी को बनाए रखने में सहायता करता है। यह नवाचार, जिसे एक सामाजिक नकद हस्तांतरण कार्यक्रम का समर्थन प्राप्त है, छोटे किसानों की पैदावार और आय में उल्लेखनीय वृद्धि का कारण बना है। यह दर्शाता है कि कैसे सामुदायिक-आधारित पद्धतियाँ, जब सही समर्थन पाती हैं, तो कृषि उत्पादकता को प्रभावी ढंग से बढ़ा सकती हैं।

दिलचस्प बात यह है कि मालावी के किसान 'मैजिक लिक्विड' उर्वरक के रूप में मानव मूत्र से बने 'बाइओनाइट्रेट' का भी उपयोग कर रहे हैं, जो रासायनिक उर्वरकों की तुलना में सस्ता और प्रभावी साबित हो रहा है। ज़ोम्बा में 10,000 लीटर तक पानी संग्रहीत करने वाले पानी के पंप और भंडारण टैंकों जैसे ये स्थानीय समाधान, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का मुकाबला करने के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं। विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) और यूके के समर्थन से डोम्वे समुदाय में ऐसी ही सौर सिंचाई योजनाएँ लागू की गई हैं, जो 160,000 से अधिक परिवारों को अधिक भोजन और बाजार तक बेहतर पहुँच प्रदान कर रही हैं।

ये अनुकूलन प्रयास न केवल फसलों को बचाते हैं, बल्कि समुदायों के भीतर सहयोग और सामूहिक शक्ति की भावना को भी मजबूत करते हैं, जिससे वे भविष्य की अनिश्चितताओं के लिए अधिक सुसज्जित होते हैं। यह दर्शाता है कि जब मनुष्य अपनी परिस्थितियों को बदलने के लिए आंतरिक संसाधनों और बाहरी उपकरणों का समन्वय करते हैं, तो वे प्रतिकूलताओं को विकास के अवसरों में बदल सकते हैं।

स्रोतों

  • EL PAÍS

  • Sowing Resilience: How Irrigation Is Transforming Agriculture in Malawi

  • How AI is helping some small-scale farmers weather a changing climate

  • Malawi's tobacco revenue up 40% despite drought

  • Key issues for voters in Malawi's 2025 elections

  • Maize Under Siege: Fall Armyworms and Climate Shocks Threaten Malawi’s Food Security

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