कद्दू के बीज, जिन्हें पेपिटास के नाम से भी जाना जाता है, भोजन में स्वाद और पौष्टिकता दोनों का इजाफा करते हैं। ये छोटे बीज पोषक तत्वों का खजाना हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए कई तरह से फायदेमंद हैं। एक पौष्टिक कद्दू के बीज का सूप न केवल मलाईदार बनावट प्रदान करता है, बल्कि प्रोटीन, फाइबर, मैग्नीशियम और अन्य आवश्यक खनिजों से भी भरपूर होता है, जो हृदय और हड्डियों के स्वास्थ्य को सहारा देते हैं। भुने हुए कद्दू के बीज सलाद में एक कुरकुरापन जोड़ते हैं, जिससे तृप्ति बढ़ती है और एंटीऑक्सिडेंट मिलते हैं जो सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
कद्दू के बीज जिंक, मैग्नीशियम, मैंगनीज और तांबे जैसे खनिजों का एक उत्कृष्ट स्रोत हैं। ये खनिज हड्डियों को मजबूत बनाने, प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने और शरीर को विभिन्न संक्रमणों से लड़ने में मदद करते हैं। इनमें मौजूद ट्रिप्टोफैन नामक अमीनो एसिड अच्छी नींद को बढ़ावा देने में सहायक होता है, जिससे अनिद्रा की समस्या में राहत मिल सकती है। इसके अतिरिक्त, कद्दू के बीजों में मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को सुचारू रखता है और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
भारतीय व्यंजनों में भी कद्दू के बीजों को आसानी से शामिल किया जा सकता है। इन्हें पोहा, उपमा या दलिया में मिलाकर नाश्ते को पौष्टिक बनाया जा सकता है। सब्जियों की सब्ज़ियों में डालकर या करी पर छिड़क कर एक अलग स्वाद और बनावट दी जा सकती है। चावल के व्यंजनों जैसे पुलाव या बिरयानी में भी इनका उपयोग किया जा सकता है। पारंपरिक मिठाइयों जैसे चिक्की या लड्डू में भी भुने और पिसे हुए कद्दू के बीज मिलाए जा सकते हैं, जो उन्हें अतिरिक्त पोषण और स्वाद प्रदान करते हैं।
शोध से पता चलता है कि कद्दू के बीज में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट शरीर में सूजन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनमें मौजूद जिंक पुरुषों के स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है, जो प्रोस्टेट स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। साथ ही, ये बीज रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में भी सहायक हो सकते हैं, जिससे मधुमेह के रोगियों को लाभ होता है। कद्दू के बीज का सेवन समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है और इन्हें दैनिक आहार में शामिल करना एक सरल और प्रभावी तरीका है अपने पोषण सेवन को बढ़ाने का।