बगदाद फिल्म फेस्टिवल के दूसरे संस्करण का समापन 21 सितंबर, 2025 को हुआ, जिसमें ट्यूनीशियाई सिनेमा ने अपनी एक खास पहचान बनाई। इस प्रतिष्ठित आयोजन में ट्यूनीशिया को 'गेस्ट ऑफ ऑनर' के रूप में सम्मानित किया गया, जो अरब और अंतर्राष्ट्रीय फिल्म जगत में इसके महत्वपूर्ण योगदान को दर्शाता है।
इस अवसर पर, ट्यूनीशियाई निर्देशक हिंद मेड्deb की डॉक्यूमेंट्री फिल्म "सूडान या घली" को सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री का पुरस्कार मिला। इसके अतिरिक्त, सहर अची की लघु फिल्म "अल हफा" को लघु फिल्म श्रेणी में जूरी पुरस्कार से नवाजा गया। इन पुरस्कारों ने ट्यूनीशियाई सिनेमा की विविधता और गुणवत्ता को उजागर किया।
फेस्टिवल ने पुराने और नए ट्यूनीशियाई सिनेमाई कार्यों का एक विशेष चयन प्रस्तुत किया, जिससे इराकी दर्शकों को इस समृद्ध कलात्मक विरासत से परिचित होने का अवसर मिला। इस आयोजन का विषय "बगदाद: अरब पर्यटन की राजधानी 2025" था और इसे इराकी कलाकारों सिंडिकेट द्वारा आयोजित किया गया था। इसका उद्देश्य इराकी और अरब सिनेमा की संस्कृति को बढ़ावा देना और फिल्म निर्माताओं का समर्थन करना था। कुल 423 प्रविष्टियों में से 67 फिल्मों का चयन किया गया था, जिसमें फीचर, डॉक्यूमेंट्री और एनिमेशन जैसी विभिन्न शैलियाँ शामिल थीं।
ट्यूनीशियाई सिनेमा की अरब दुनिया में एक लंबी और प्रभावशाली यात्रा रही है, जो 1956 में स्वतंत्रता के बाद से विकसित हुई है। इसे अक्सर अरब ऑटूर फिल्म निर्माण में अग्रणी माना जाता है। 2011 की क्रांति के बाद, विशेष रूप से डॉक्यूमेंट्री फिल्मों के निर्माण में एक नई लहर देखी गई, जिसने फिल्म निर्माताओं को अधिक स्वतंत्रता प्रदान की। ट्यूनीशियाई फिल्मों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान हासिल की है, जिनमें से कुछ को अकादमी पुरस्कारों के लिए नामांकित भी किया गया है।
ट्यूनीशियाई अभिनेत्री सबरीन घन्नौदी ने इस बात पर जोर दिया कि यह फेस्टिवल इराक और उसके युवाओं के लिए कितना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह "फिल्म देखने और कला की संस्कृति फैलाता है"। यह आयोजन वास्तव में सांस्कृतिक सेतु का काम करता है, जो विभिन्न समुदायों के बीच समझ को बढ़ावा देता है और सिनेमा की शक्ति को प्रदर्शित करता है। बगदाद फिल्म फेस्टिवल, अपनी स्थापना के बाद से, इराक के लचीलेपन और कला के प्रति उसकी अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक रहा है, जो विविध कहानियों और अनुभवों का जश्न मनाता है।