हाल के शोध से पता चला है कि सिस्टीन नामक एक एमिनो एसिड शरीर में वसा को ऊर्जा में बदलने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है, जिससे वज़न घटाने में मदद मिल सकती है। यह खोज शरीर की चयापचय (metabolism) प्रक्रियाओं की कार्यप्रणाली पर प्रकाश डालती है और वज़न प्रबंधन के लिए नए रास्ते खोल सकती है।
अमेरिकी शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि सिस्टीन का निम्न स्तर सफेद वसा (जो शरीर में जमा होती है) को भूरे वसा में बदलने को बढ़ावा देता है। भूरे वसा में ऊर्जा जलाने और गर्मी पैदा करने की क्षमता होती है, जो प्राकृतिक वसा जलने की प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण है। इस अध्ययन में, जिन चूहों में सिस्टीन का उत्पादन नहीं हो सका, उनमें एक सप्ताह के भीतर औसतन 25-30% वज़न कम हुआ, जब उनके आहार में सिस्टीन का स्तर लगातार एक निश्चित सीमा में बनाए रखा गया था।
पेनिंगटन बायोमेडिकल रिसर्च सेंटर के बायोमेडिकल इंजीनियर क्रिस्टियन स्टैंटलर ने इस शोध में योगदान दिया है। उन्होंने बताया कि सिस्टीन की कमी से वज़न में भारी कमी आई और वसा जलने की प्रक्रिया तेज हुई। यह खोज चयापचय नियंत्रण के लिए नए तरीकों के द्वार खोलती है जो केवल कैलोरी सेवन को कम करने पर निर्भर नहीं करते हैं। यह अध्ययन प्रतिष्ठित जर्नल नेचर मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित हुआ है, जो आहार और चयापचय विनियमन के बीच संबंध में नई अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
येल स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने भी एक अन्य अध्ययन में पाया कि सिस्टीन की कमी ने चूहों में सफेद वसा को भूरे वसा में बदल दिया, जिससे वज़न घटा और सूजन कम हुई। उन्होंने देखा कि जब सिस्टीन को उनके आहार से पूरी तरह हटा दिया गया, तो चूहों ने एक सप्ताह के भीतर अपने शरीर के वज़न का 30% तक कम कर लिया। यह शोध इस बात पर प्रकाश डालता है कि सिस्टीन वज़न घटाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
हालांकि ये परिणाम प्रभावशाली हैं, शोधकर्ता सावधानी बरतने की सलाह देते हैं। सिस्टीन कई महत्वपूर्ण जैविक कार्यों के लिए आवश्यक है, जैसे कि ऑक्सीडेटिव संतुलन बनाए रखना। इसकी अत्यधिक कमी के खतरनाक परिणाम हो सकते हैं। इसलिए, इन निष्कर्षों को मनुष्यों पर लागू करने से पहले और अधिक शोध की आवश्यकता है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि सिस्टीन लगभग सभी खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, इसलिए इसे पूरी तरह से खत्म करने के लिए विशेष आहार की आवश्यकता होगी, जो कि अधिकांश लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। यह शोध वज़न प्रबंधन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भविष्य में मोटापे और संबंधित चयापचय संबंधी विकारों के इलाज के लिए नए चिकित्सीय रास्ते खोल सकता है।